न जाने कैसा भोलापन लिए थी,
उसकी सूरत,
न जाने कैसा जादू कर रही थी,
उसकी सूरत,
अजीब सी कशिश से परिपूर्ण थी,
उसकी सूरत,
बड़ी फुरसत से बनाई होगी,ऊपरवाले ने,
वो माटी की मूरत|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |