About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Thursday, March 26, 2009

Count your many blessings,
Name them one by one
Count your many blessings,
see what God has done,
When you look at others,
With their Land and Gold,
Think that God has promised you his wealth untold,
Count your many blessings,
Money cannot buy,
Your reward in heaven,
Nor, Your Home on High !!


(A carol from my childhood)
जाने कहाँ छूट गया वोह बचपन ,
एक पक्षी सी उन्मुक्त उड़ान ,
एक कली सी कोमल मुस्कान ,
एक फूल से हँसती पहचान,
एक नदी सा निर्मल बहाव ,
अपने संगी साथियों से लगाव,
ना जाने क्यों बीत गए वोह दिन,
क्यों आख़िर क्यूँ, छूट गया मेरा बचपन|
ज़िन्दगी छोटी हो मगर ,
जीने का तरीका होना चाहिए,
बात बेसलीका हो अगर ,
कहने का सलीका चाहिए|
टूटने मत दीजिये सम्बन्ध, प्यालों की तरह
आंच देंगे सर्द हवाओं में दुशालों की तरह ,
कापती लौ की तरह, जलकर बुझे , बुझकर जले,
वो , जिन्हें तमन्ना थी जलने की मशालों की तरह|
वक्त पे काम जाए, मीत वही है,

खुश करदे मन को, संगीत वही है,

दिल से जो निकले , गीत वही है ,

दिल से दिल को जोड़ दे, प्रीत वही है|

शाम हो गई सवेरा जाने के बाद,
दिन ढलने लगा सूरज के आने के बाद,
मुझे इंतज़ार रहता है तुम्हारे आने का,
पूरा होगा शायद मेरी जान जाने के बाद,
तुमने मुझे दीवाना बना दिया अपना,
तभी तो, कुछ नही सूझता तुम्हारे आने के बाद|
अक्सर यादें और लहरे तूफ़ान उठाती हैं ,
अक्सर यादें और लहरें मुझे बहुत रुलाती हैं,
लहमें जो बिताये तुम्हारे संग ,
मेरी यादों में मोंती कि तरहां चमकते हैं,
बेचैन पल तुम्हारे बिना हस्ते रोते हैं|
 
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