मंजिल पास हो या दूर,
तुम्हे कोशिश करनी होगी ज़रूर,
मंजिल पर पहुँच जाना होगा तभी,
साहस,संयम और हिम्मत का
का मेल,होगा जब कभी,
किसी के रोके,न रुकना कहीं,
किसी के टोके,न रुकना कहीं,
आंधी आए या तूफ़ान,सच्ची होगी यदि लगन,
तो ज़मीन तो क्या,तुम छू सकोगे आसमान|