About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Monday, December 21, 2009


बांवरा मन खुद अपनी चंचलता से है अनजान,
ऊंचाइयां इतनी छूनाचाहे,की नीचा लगने लगता आसमान,
समझ कर भी,न समझना चाहे,यह मन
कभी-कभी भूले हुए को भी,भुला न पाए 
तो कभी याद आने वाले,याद न आएं 
मन की माया,मन ही जाने 
कभी बेगाने लगते अपने,
तो कभी अपने बन जाएं बेगाने|

We forget the hard fact that all of us do have a limited life span and sooner or later death is a reality.That's why many of us don't care to find joy in small pleasures which life offers.

ऐसा प्रीत का सावन देखा,
तुम्हारी आँखों में,
जो टूट के बरसने को बेचैन है,
ऐसा भावनाओं का समुन्दर देखा,
तुम्हारे दिल में,
जो बहुत कुछ कहने को तरस रहा है,
मैं धन्य हूँ,देखकर वो असीमित प्रेम,
जो निरंतर तुम्हारी आँखों से बरस रहा है|

जब भी प्रकृति को कोई कार्य संपन्न करवाना होता है,तो वह एक प्रतिभा का निर्माण करती है|

 
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