हे कृपानिधान,
होती कहाँ नदियों में रवानी,
होता कहाँ बादलों में पानी,
यदि होती न कृपा आपकी,
होती कहाँ फूलों में खुशबू और रंग,
होते जीवन के सब,सपनें बेरंग,
यदि होती न कृपा आपकी,
न मिलता हमें किसी का प्यार,
न दे पाते,हम अपना स्नेह और दुलार,
यदि होती न कृपा आपकी|