About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Monday, December 28, 2009

न जाने किस निर्मोही ने बनाई होगी 
रीत,बेटियों के ससुराल जाने की,
बाबुल का अंगना और माँ का 
आँचल सूना कर जाने की,
अपने दिल का टुकड़ा दूसरों को सौंपना 
आसान नहीं होता,
अपनी पाली-पोसी बेटी से बिछुड़ना एक,
बनवास से कम नहीं होता|




Good humour,Laughter,Rest,Happiness.These replenish health and bring long life.The happy person has the gift to improve the environment wherever they live.

लहरों का समुन्द्र  में अठखेलियाँ खाना,
मस्ती से उठना और गिरना, उनका 
समुन्द्र के पानी से उत्पन्न होकर,
समुन्द्र के पानी में समां जाना,
दीवाना करने लगता है,अंदाज़ उनका,
लहरों का समुन्द्र........

जिनके हौसले बुलंद होते होते हैं,
बाधाएं कुछ नहीं बिगाड़ सकतीं उनका,
हर मुश्किल पीछे हटने लगती है,
देकर उन्हें आगे बढने का रास्ता,
परिश्रमी और संयम रखने वालों का,
मंजिलें खुद स्वागत करती हैं,
दिल खोलकर और बाहें फैलाकर|

Learn to have faith in the Almighty and thereby develop faith in yourself.Faith is a fortress that dispels all worry and keeps one calm,contented and happy.One does not need to look elsewhere in search of happiness.

 
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