About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Thursday, December 24, 2009

धन से जुटा लिए,बहुत से भोग-विलास 
के साधन,मनुष्य ने अपने लिए 
धन से भोजन तो जुटा लिया,परन्तु 
भूख कहाँ खरीद पाया,मनुष्य अपने लिए
धन से जल तो भर कर रख लिया,पर
प्यास कहाँ ला पाया,मनुष्य अपने लिए,
धन से महल-चौबारे तो खड़े कर लिए,लेकिन
चैन-अमन और शान्ति कहाँ खरीद पाया,मनुष्य अपने लिए|

नवजात शिशु के जन्म पर उसके माता-पिता उसके प्रथम रूदन का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं,यह पवित्र रूदन संसार के किसी भी मधुर संगीत से मधुर होता है|

The only preparation for tomorrow is the right use of today.

Try to do a good deed for others everyday.It will give you a great sense of peace.

फूलों की खुशबू ही नहीं,काँटों की चुभन भी है,
जिंदगी,
सुबह का उजाला ही नहीं,रात का अँधेरा भी है,
जिंदगी,
खुशियों का नगमा ही नहीं,ग़मों की ग़ज़ल भी है,

जिंदगी,
जवानी की बहार ही नहीं,बुडापे का पतझड़ भी है,
जिंदगी, 
अरमानों का आकाश ही नहीं,हकीक़त की ज़मीन भी है,
जिंदगी|

A smile is a universal language which is understood around the world.

 
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