धन से जुटा लिए,बहुत से भोग-विलास
के साधन,मनुष्य ने अपने लिए
धन से भोजन तो जुटा लिया,परन्तु
भूख कहाँ खरीद पाया,मनुष्य अपने लिए
धन से जल तो भर कर रख लिया,पर
प्यास कहाँ ला पाया,मनुष्य अपने लिए,
धन से महल-चौबारे तो खड़े कर लिए,लेकिन
चैन-अमन और शान्ति कहाँ खरीद पाया,मनुष्य अपने लिए|