जन्म के साथ ही,हर इंसान अपने नसीब को,
अपनी बंद मुट्ठी में साथ लेकर आता है,
अपने कर्मों के हिसाब से,अपने खाते में
सुख-दुःख लिखवाकर,साथ लाता है,
उस विधाता का कमाल तो देखो,कोई भी
अपने नसीब से कम,न ज्यादा पाता है|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |