रिश्तों को समझना नहीं आसान,
कभी देतें हैं,सुकून
तो कभी ले आतें हैं तूफ़ान,
अपनी हर ख़ुशी रिश्तों से जोड़ कर हम,
सोचतें हैं,शायद दूर होगें हमारे रंजो-गम,
परन्तु,जब छटते हैं,बादल संशय के,
हम पाते हैं,धुंआ ही धुंआ आसपास मन के|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |