किसने छला ,मन उसका
क्यों छीना,विश्वास उसका
न रहे,अब आँखों के सपने,
झूठे से लगने लगे,सब अपने,
क्यों फीका सा लगने लगा,
रंग-बिरंगा इन्द्र-धनुष भी,
फरेब और धोखे में,लिपटे
रिश्ते और नाते सभी,
पेड़,फूल,पत्ते बेजान से लगे दिखने क्यों,
प्रेम-प्यार,और मुहब्बत,का अर्थ,बदल गया है,क्यों ......
क्यों छीना,विश्वास उसका
न रहे,अब आँखों के सपने,
झूठे से लगने लगे,सब अपने,
क्यों फीका सा लगने लगा,
रंग-बिरंगा इन्द्र-धनुष भी,
फरेब और धोखे में,लिपटे
रिश्ते और नाते सभी,
पेड़,फूल,पत्ते बेजान से लगे दिखने क्यों,
प्रेम-प्यार,और मुहब्बत,का अर्थ,बदल गया है,क्यों ......