ये निर्मोही दुनिया,
क्या समझेगी,उस के दुःख
उसकी पीड़ा,उसकी वेदना और संवेदना,
उसके सपने और संघर्ष,
उसने जो निभाए,अनगिनत फ़र्ज़,
उसका प्यार,उसकी मुहब्बत,
उसके आखों के अनमोल आंसू,
दूसरों के सुखों के लिए,
उसके कुर्बान किये,न जाने कितने पल,
ये निर्मोही दुनिया,क्या समझेगी .........
क्या समझेगी,उस के दुःख
उसकी पीड़ा,उसकी वेदना और संवेदना,
उसके सपने और संघर्ष,
उसने जो निभाए,अनगिनत फ़र्ज़,
उसका प्यार,उसकी मुहब्बत,
उसके आखों के अनमोल आंसू,
दूसरों के सुखों के लिए,
उसके कुर्बान किये,न जाने कितने पल,
ये निर्मोही दुनिया,क्या समझेगी .........