About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Saturday, January 30, 2010

जिसके पास कुछ नहीं  है,उसे 
अक्सर हँसते-हंसाते देखा,
 जिसके पास सब कुछ है,उसे
अक्सर बेवजह रोते देखा,
सागर के पास रहने वालों को,
अक्सर प्यासा देखा,
आँखों वालों को अक्सर लडखडाते देखा,
भगवान् तेरी बनाई हुई कठपुतलियों का,
नित नया तमाशा देखा|
पता नहीं क्यों,जीने के लिए
दिल को धड़कने  का बहाना चाहिए,
हकीक़त में बदले न बदले,
आँखों में एक स्वप्न सलोना चाहिए,
संगीत हो न हो जीवन में,
होठों पर कोई न कोई तराना होना चाहिए|
In order to achieve the goal of life,there is no alternative but to follow the righteous path."Be ye harmless like a dove,but wise as a serpent".

Friday, January 29, 2010

फूलों की सेज जैसी लगती है जिंदगी,
अगर हमसफ़र का साथ हो जीवन में,
तपती रेत सी बनकर चुभती है,जिंदगी 
अगर हमसफ़र का साथ न हो जीवन में,
जीने का सहारा,खुद हमसफ़र हो तो,
खुशियों की बरसात सी लगती है जिंदगी|
बेरुखी कभी-कभी कितना रुलाती है,
अपनों की,
बेरुखी कभी-कभी कितना सताती है,
अपनों की,
जीवन का एक नया रंग दिखाती है बेरुखी,
अपनों के नए चेहरे दिखाती है बेरुखी|
Love is a matter of profound tender feelings,of intensely warm sentiments and of refined sensibilities and attitudes.When it flows spontaneously,it is transformed into service,its quality being determined by the temprament of persons moved to feel for each other.
पतंगें तो डोर के साथ-साथ आसमानों 
में विचरण करतीं हैं,
इच्छाएँ बिन डोर के ही आसमानों 
को छूने का दम भरतीं हैं,
पतंग उड़ाने वाले वाले के हाथों में
उनकी लगाम होती है,
इच्छाएं तो बस बेलगाम ही उड़ा करती हैं|

Thursday, January 28, 2010

It is up to us whether we create a heaven by helping each other or a hell by thinking of ourselves only.

मुस्कराहट एक,दूरियां हज़ार कम करती है,
मुस्कराहट एक,कई दिलों को जोड़ती है,
मनमोहक हो यदि मुस्कराहट,दिल के फूल 
खिलाती है,
सच्ची हो यदि मुस्कराहट,गम न जाने कितने
हर  लेती है|

Wednesday, January 27, 2010

दर्पण कहना चाहता है,बहुत कुछ
तुझसे ऐ इंसान,
दर्पण झूठ नहीं कह पाता है,कभी
भेद नहीं रखता है,किसी से कभी,
जो जैसा होता है,वैसा ही
यह सच उससे कहता है,
तन का दाग,दिख जाता दर्पण में,
कोई दाग अगर हो मन में,यह उसको 
भी बताता है,
दर्पण झूठ नहीं कहता है.....

A man must have so much balance,so much wisdom that he can withstand all the onslaughts of life.

Tuesday, January 26, 2010

सपना बन कर पलते हैं,बच्चे 
माता-पिता की आँखों के,
अपना सारा जीवन समर्पित करते हैं,
माता-पिता बच्चों के लिए,
अधिकतर बच्चे,माता-पिता की 
भावनाओं का सम्मान नहीं करते,
करते-करते माता-पिता तो अपनी औलाद 
के लिए,मर जातें हैं,
और बच्चे अपने माता-पिता को कुछ पल 
सच्ची ख़ुशी के दे नहीं पाते हैं| 

Monday, January 25, 2010

काँटों से भरी हैं जीवन की राहें,
सार्थक जीवन जीना नहीं आसान,
कहीं बेशुमार उलझनें हैं,किसी के जीवन में 
तो कहीं जीवन बन चुका है,स्वंय एक उलझन,
दुखों और कठिनायों से गुज़रकर ही,
सीख पाता है,जीवन का सही अर्थ इंसान|

The ability to forgive and to love are the weapons that God has given us to enable us to live fully,bravely and meaningfully in this less than perfect world.

Sunday, January 24, 2010

पारस पत्थर को छूकर ज्यों,लोहा सोना बन जाता,
मामूली लोहे का कितना गुना मूल्य है बढ जाता,
ऐसे ही ज्ञान मनुष्य का आभूषण है बन जाता,
फिर ज्ञान जीवन को सही दिशा देकर,
मनुष्य के जीवन का लक्ष्य है बन जाता| 

Saturday, January 23, 2010


कभी-कभी एक पल बिताना मुश्किल हो जाता है,
और कभी पलों में बीत जातीं हैं सदियाँ,
पानी के एक कतरे को तरसतें हैं लोग,
और बेहिसाब पानी बहा ले जातीं हैं नदियाँ,
जहाँ दुखों और कठिनाइयों से जूझ रहे होतें हैंकुछ लोग,
और कहीं डेरा डाल  लेतीं हैं,खुशियाँ ही खुशियाँ|

Friday, January 22, 2010

A careless word may kindle strife,
A cruel word may wreck a life,
A bitter word may hate instil,
A brutal word may even kill,
A timely word may lessen stress,
A loving word may heal and bless.

रूह को जो सुकून दे;संगीत वही है,
वक़्त पर काम आ जाए,मीत वही है,
दिल के तार झनझना दे,प्रीत वही है,
जिए जो दूसरों के लिए,सच्चा इंसान वही है|

Thursday, January 21, 2010

तेरे लबों पर एक मुस्कान देखने के लिए,
न जाने अपने दिल पर कितने सितम किये हमने,
तेरी आँखों में ख़ुशी की झलक देखने के लिए,
अपने कितने सपने कुर्बान किये हमने,
खुदा से अपने लिए कभी कुछ माँगा नहीं,
बस सारी दुआएं आपके लिए मांगीं हैं हमने|

सच्चा धर्म दिखावे और आडम्बर का नाम नहीं है,बल्कि मानव-सेवा और त्याग-भावना द्वारा दीन-दुखियों के आंसू पोछने और प्यार बांटने का नाम है|

अरमानों की किश्ती को,
हौसले और हिम्मत की पतवार से खेते रहो,
सदा आनंद से जीने के लिए,
दूसरों को अपना प्यार और अपनापन देते रहो,
जो कुछ दिया है,ऊपरवाले ने,
उसे उसकी कृपा का प्रसाद मानकर ग्रहण करते रहो|

Wednesday, January 20, 2010

Nature has given you a face,but you have to provide the expression.Be careful when you express,because your every expression will leave an impression.

जिंदगी धन और सत्ता के संचय का नाम नहीं बल्कि आशीर्वादों के मोतियों को एकत्र करने का नाम है|

जीवन में कुछ ऐसे लोग भी मिलतें हैं,
जिनसे कुछ ऐसा सम्बन्ध हो जाता है,
लाख चाहने पर भी जो तोड़ा नहीं जाता है,
कहने को तो ,
हर आने वाला चला जाता है,
पर कुछ जानेवाले,एक गहरी याद
दिल में छोड़ जातें हैं|
Friendship is like relation between hand and eyes.When the hand gets hurt,the eye cries and when the eye cries the hand wipes its tears.


जिंदगी एक सपन है सलोना,
हर तरफ फैलीं हैं,खुशियाँ ही खुशियाँ
यदि हम उन्हें,भरना चाहें अपने दामन में,
प्रेम के फूलों को खिलने दे यदि हम,
अपने दिल की बगिया में,
सुनहरी किरणें,भर देंगी उजाला बहुत सा,
जीवन की राहों में,हम सब की हमेशा|

Tuesday, January 19, 2010

Happiness is like a radio-station,broadcasting all the time.You just have to learn how to tune in and receive it properly.Stay tuned and be happy always.

कहाँ है,मन का मीत मेरा 
जो सदा गुनगुनाया,वो गीत मेरा,
प्यार तो बहुत था दिल में तुम्हारे लिए,
चाहकर भी इज़हार,
होठों पर कभी न आ पाया,तुम्हारे लिए|

Monday, January 18, 2010

मन भागता फिरता है,दूर गगन की छाँव में,
उसे शांत कैसे करू,उसे कैसे समझाऊँ मैं,
तारों की चमक देखकर,मेरे मन में जागी है ललक,
दूर आसमान में कहीं,मैं भी एक चमकता तारा बन जाऊं,
परन्तु,
इस चंचल,दीवाने मन को कैसे समझाऊँ,
जीने का राज़,मैं उसे कैसे बताऊँ|

Sunday, January 17, 2010


गैरों से कैसा गिला,
जब अपनों से ही सहारा न मिला,
दिल की बगिया,सूनी थी,सूनी ही रही,
आँखें बरसतीं रहीं,पर लब खामोश रहे,
तुमसे कहना तो बहुत कुछ था,
हम अपनी ही उलझनों में उलझे रहे,
और चाहते हुए भी कुछ न तुमसे कह सके|

Strength is life,weakness is death.
Dream makes all things possible.
Hope makes all things work.
Love makes all things beautiful.
Smile makes all above work possible.

जहाँ भी देखो,लोगों के हुजूम नज़र आते हैं,
हर गली,हर रास्ते पर लोग ही लोग नज़र आतें हैं,
न जाने कहाँ जा रहें हैं सब के सब,
लगता है जैसे,अपना चैन खो चुकें हैं सब,
इस भीड़ में लोगों की,कोई अपना दिखता नहीं,
इंसान है बहुत,पर इंसानियत कोई रखता नहीं|

Saturday, January 16, 2010

हर तमन्ना,कभी किसी की पूरी नहीं होती,
जैसे दिल की हर चाहत कभी पूरी नहीं होती,
सपनों की असीमित उड़ान,कभी हकीक़त नहीं बनती,
परन्तु,
गर प्रेम, लगन और हिम्मत हो इंसान के पास,तो
कोई ऐसी ख़ुशी नहीं जो हासिल नहीं हो सकती|

क्षणभंगुर होकर भी पानी का बुलबुला 
देता बहुत सा ज्ञान,
जीवन की आपाधापी में,असली मूल्यों को
भूल गया इंसान,
माया-मोह में उलझकर,तेरे-मेरे में लगा रहा,
असंतोष मन में भरकर,तृष्णाओं के पीछे भटकता रहा|

Friday, January 15, 2010

O God,give us the serenity to accept what cannot be changed,courage to change what should be changed,and wisdom to distinguish the one from the other.

तनहा बहुत थे हम,तुम्हारे आने से 
जैसे दूर हो गए सब गम,
सरगम सी बजने लगी,हवाओं में,
मदहोशी सी छाने लगी फिजाओं में,
बागों में,कलियाँ फूल बनकर मुस्कुराने लगी,
मन में प्रेम की तरंगें हिलोरे खाने लगीं,
हर दिशा से,बस खुशबू ही खुशबू आने लगी,
तुम क्या आए,हर ओर खुशियाँ ही खुशियाँ छाने लगीं|

Wednesday, January 13, 2010

न जाने क्यों बचपन भुलाए नहीं भूलता,
दिन-भर गिल्ली-डंडा खेलना,
तितलियों के पीछे-पीछे भागना,
कभी पतंग उड़ाना,तो कभी कागज़ की 
नाव को पानी में तैराना,
घंटों अपने संगी-साथियों के साथ बतियाना,
वो चंदा को मामा कहकर बुलाना,
न जाने क्यों बचपन.........

Tuesday, January 12, 2010

रिश्ते कभी कुछ कहने को मजबूर करते हैं,
रिश्ते कभी चुप रहने को मजबूर करतें  हैं,
उनको निभा पाओ,तो ठीक
वरना,बेजार जीवन को कर देतें हैं|

Monday, January 11, 2010

जिंदगी के अनेक रूप हैं,
अधिकतर लोग बीते हुए कल
को याद करके जीतें हैं,
विरले हैं,वो जो वर्तमान 
में रहना जानते हैं,
हर किसी को आगे बढने का मौका,
जिंदगी देती ज़रूर है,
अधिकतर उसे अनदेखा करके चल देतें हैं,
वही फिर भगवान् या भाग्य को जीवन भर दोष देतें हैं|

त्याग,प्रेम,करुणा की देवी बनकर 
नारी ने बड़े दुःख हैं सहे,
 पर अपने ऊपर हो रहे अत्याचार 
को देखकर वो चुप क्यों रहे,
क्यों न वो अपने अधिकारों की
रक्षा केलिए आवाज़ उठाए,
जागो नारी,शक्ति बनकर,
तुम भी जीना सीखो,
शान से सिर उठाकर|

Sunday, January 10, 2010

हथौड़ा चलाते हुए मजदूर के हाथों को,
देखो कभी,
भूखे पेट कितना पसीना बह गया उसका,
देखो कभी,
न गर्मी,न सर्दी,न बरसात में रुकते उसके हाथ  कभी,
ऐसा लगता है जैसे,आराम,नींद,चैन उससे कोसों दूर हैं सभी|

Saturday, January 9, 2010

क्यों न हम अपने जीवन की कहानी 
खुद लिखें,
हिम्मत और परिश्रम की स्याही से,
क्यों न दूसरों के दोषों को नज़रंदाज़ करके,
अपने दोषों को कम करनें का प्रयत्न करें,
किसी ज़रूतमंद के काम आकर,दुनिया के
गम कुछ कम करें,
फूल बिछाएं जिस राह से गुजरें हम,
सिर्फ खुशियाँ ही खुशियाँ बाँटें हम|

पेड़ की शाख से किसी पत्ते का टूटना,
किसी के हाथ से किसी का हाथ छूटना,
दोनों जुदाई के ही दो रूप हैं,
एक में केवल साथ छूटता है,
दूसरे में तो,
दिल भी साथ टूटता है|

Friday, January 8, 2010

चांदनी गुनगुनाने लगी,
शहनाइयाँ बजनें लगतीं हैं,
आहट सुनकर तेरे आने की,
तुम सपने में भी न सोचना कभी,
हमसे दूर जाने की|

Anyone can learn to be a good speaker,but how many live in a manner that others can learn from.

सूरज और चाँद का अम्बर पर आना,
कितना सुख देता है हमें,
हवा घुंघरू बाँध के छम-छम करती आती है,
सुकून कितना मन को देकर जाती है,
ये ऊंचे पहाड़,ये नदियाँ,ये झरने,
हरियाली का बिछोना ओढ़े है खड़ी ये
 धरती,प्रकृति के बेमिसाल रूप के क्या कहने|
If the entire world is not beautiful,don't bother.Create your own beautiful world.

Thursday, January 7, 2010


कभी गर्मी,तो कभी सर्दी,
सावन आया,फिर पतझर 
न जाने कितने मौसम आकर 
अपनी-अपनी  सौगातें देकर चले गए,
बस एक ही आरज़ू है इस दिल की,
तुम्हारे प्यार की सतरंगी धुनें,सदा
हर मौसम में बजतीं रहें,
सदा यूंही, हमारे जीवन को मह्कातीं रहें|

परिश्रमी और धीर व्यक्ति को संसार में कुछ भी अपाप्य नहीं है|

जिंदगी आज ख़त्म हो जाए,
हमें कोई गम नहीं,
क्योंकि हम जान चुके हैं,की
हम किसी से कम नहीं,
हमने जीवन में ,
जो चाहा,वो पाया है,
वो और बात है की,
हमें अपनों ने बहुत सताया है|

माता-पिता,गुरु और पीड़ितों की यथाशक्ति जीवनपर्यन्त सेवा करनी चाहिए|

Wednesday, January 6, 2010


ठण्ड पड़ रही है कड़ाके की,
कोहरे की घनी चादर से लिपटी है धरती,
बर्फ ने ढक रखा है,पर्वतों को,
हर मनुष्य मांग रहा पनाह इस सर्दी से,
मौसम के मिजाज़ का बदलने का इंतज़ार है,
हर किसी को,
जैसे किसी प्यासे को सावन का हो इंतज़ार,
थोड़ी सी धूप या कृपा सूर्यदेव की, राहतदे सकती है,
हर किसी को|

आशा और उम्मीद न छोड़ो तुम,
कभी किसी का दिल न तोड़ो तुम,
जीवन में,केवल खुशियों से ही नहीं
ग़मों से भी नाता जोड़ो तुम,
अपने दुःख-दर्द भूलकर,दूसरों 
के बारे में भी सोचो तुम,
खुद से कुछ पल दूर होकर,
प्रेम औरों में भी बांटों तुम|

Crystals,carpets and chandeliers make a nice house but only the smiles on the faces of the residents make it a home.

Tuesday, January 5, 2010

दिल की धड़कनों में तुम,
मेरे हर ख्वाहब में तुम,
मेरे हर सुख-दुःख में
मेरे साथ हो तुम,
जीवन के हर उतार-चडाव
मेरे बहुत पास हो तुम,
आसमान के तारे की तरह दूर हो,
फिर भी मेरे हृदय के करीब हो तुम|

True wisdom is freedom from self-esteem,hypocrisy and injury to others.

When you look at the bright side of things,you will keep on counting your blessings.And when you realize how truly blessed you are,you will not easily yield to irritation and annoyance.

जीना है तो जी लेंगें,कहतें हैं सभी,
पर मन ही मन सोचतें हैं,
क्या उनकी जिंदगी एक नई करवट लेगी कभी,
तमन्ना तो लाखों करते हैं,आसमान छूने की,
पर उनमें से कितने करतें हैं,प्रयत्न सच्चे दिल से,
यदि परिश्रम और लगन से जुट जाओ,
दृड़-निश्चय से मंजिल की ओर कदम बढाओ,
सारी कायनात देगी ,साथ तुम्हारा,
सफलता बाहें फैलाकर,स्वागत करेगी तुम्हारा|

God could not be present everywhere,so he created mothers.

Monday, January 4, 2010

Mind can be our best friend and by nurturing good thoughts,become an architect of our noble character and destiny.

निष्काम होकर नित्य परिश्रम करनेवालों की गोद में उत्सुक होकर सफलता विराजती है|
बांटने से कभी कम नहीं होता प्यार,
काश,कहीं मिलतीं खुशियाँ उधार,
सींचना पड़ता है उन्हें,भीतर से अपने
रंग भरके अनेक,सपनों में अपने
संगी-साथी और अपने साथ छोड़ने लगतें है,सब
हम बेवजह परेशान और उदास रहने लगतें हैं,जब
यदि, दूर करना चाहो,तुम अपने दुःख-दर्द और गम,
सदा हँसते-हंसाते रहो,दूसरों  में प्रेम बांटे रहो
बन जाएगी तुम्हारी,जिंदगी खुद एक सरगम|
Eyes are a wonderful gift given to human beings by God.It enables us to see the beautiful colours of life.

Sunday, January 3, 2010

तुम्हारे आ जाने पर,हर
लम्हा गुनगुनाने लगता है,
बगिया के फूलों पर बैठा,हर
भंवरा भी गाने लगता है ,
न जाने हर कली पर,कौनसा
जादू छाने लगता है,
तुम्हारे आने पर,हवाओं में
खुशबू का ख़ुमार सा लहराने लगता है|


जुदाई बहुत दुखदाई होती है,
चैन,दिल का करार सब छीन लेतीहै,दिल को चूर-चूर करती   है ,
दूरी अपनों से,मुश्किल जीना कर देती है,
जुदाई अपनों से चैन से मरनें भी कहाँ देती है|



समझ के भी न समझे हम कभी,
इस निष्ठुर दुनिया का चलन,
हंसने वाले का हँसना न भाए,
रोनेवाले के आंसू पोंछ न पाए,
बेरुखी ने इन दुनियावालों की,जीने न दिया,
दिल में हसरतों के फूलों को कभी,खिलने न दिया|
Wisdom is never a part of the curriculum of any management schools or institution,but can only be learnt on the job as one goes through life in its many shades.

Saturday, January 2, 2010

जिस प्रभु ने बनायाहै तुझे,
इंसान उससे तो डर ,
किसी का दिल दुखाना बेवजह बुरा है,
किसी मासूम की जान लेना उससे भी बुरा है,
देखकर उन जानवरों की आँखों में ,
मौत का डर,
लगा कुछ पल के लिए जैसे,
जिंदगी गई हो ठहर|

रात और दिन का हर पहर ,
बीत रहा है धीरे-धीरे,
जीवन का हर लम्हा,
बीत रहा है धीरे-धीरे
इंतज़ार तुम्हारा असहनीय 
हो चला है धीरे-धीरे
नींद पलकों से कोसों दूर जा चुकी,
कबकी धीर-धीरे
आँखें बरस-बरस कर थक चुकीं,
अब तो धीरे-धीरे|

Peace is sought as much by the rich as the poor.The poor need food and shelter for peace and the rich need peace despite having food and shelter.This is the paradox faced by almost everyone.

आसमान के रंग अनेक हैं,
कभी हलके हैं,तो कभी गहरे हो जातें हैं,
मनुष्य जीवन से भी गहरा लगाव है इन रंगों का,
खुशियों के रंग चटक,और ग़मों के रंग हलके लगने लगतें हैं,
अक्सर,हकीक़त के रंग बेरंग,और सपने सुनहरे लगनें  लगतें हैं|
अपने लिए तो सभी जीते हैं,दूसरों के लिए भी जीकर देखें|अपनी क्षमतानुसार निर्धन,अपाहिज और असहायों की सहायता करें|

Friday, January 1, 2010

नए वर्ष में आओ,कुछ नए प्रण करें,
खुशियों के दीप जलाएं हर दिल में,
और दूसरों के ग़म हम कम करें,
फूलों के रंग और खुशबू से महकाएं तन-मन को,
अच्छे कर्मों से,संवारें अपने और सबके जीवन को,
हर रिश्ते को मज़बूत बनाएं,प्यार से अपने,
गिले-शिकवों को दूर हटाएं,जीवन से अपने|

 
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