दिल में थी,बेक़रारी उसके,
और दिल बेकरार था उसका भी,
बेचैन था मन उसका,
चैन उससे भी कोसों दूर था,
इक दूजे के सिवा कुछ न सूझता था,
उन दोनों को,
ये,और कुछ नहीं,मुहब्बत का जूनून,छाया था,
उन दोनों पर|
और दिल बेकरार था उसका भी,
बेचैन था मन उसका,
चैन उससे भी कोसों दूर था,
इक दूजे के सिवा कुछ न सूझता था,
उन दोनों को,
ये,और कुछ नहीं,मुहब्बत का जूनून,छाया था,
उन दोनों पर|