About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Saturday, April 11, 2009

Laughing is medicine for the soul .
ईंट पत्थर के सब मंदिरों के ऊपर हृदय का मंदिर है |
मनुष्य का व्यवहार वह दर्पण है जिसमे उसका मन दिखाई देता है|
A friend adds humor,fascination and beauty to life.
A strong disciplined mind,which anyone can cultivate through daily practice,can achieve miracles.
लगता है,भीगी पलकें तुम्हारी...
हमसे बहुत कुछ कहना चाहती हैं,
शायद, संग हमारे दिल का तराना गा कर ,
तन्हाई अपनी दूर करना चाहती हैं.
कर्मों के फल,से बच सका है कोई,
लाख बुने मन में कपट जाल कोई,
कोई भी चतुराई काम आती है,
जब लाठी प्रभु की पढ़ जाती है,
जितनी शीघ्र हम उस परम शक्ति को पहचान लें ,
हरी की इच्छा को को जान लें ,
ये संसार तो रैन बसेरा है.
यहाँ कुछ नहीं मेरा है,यदि ,
हम दूसरों से पहले अपनी सुध लें
हर ले को अपने संवार लें,
प्रण कर ले यदि हम अपने मन में
बेफिक्र हो जी सकेंगे हर जनम में|
 
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