न जाiने कितने चेहरे हैं,बनाए
उस विधाता ने,
न जाने कितने फूल हैं,खिलाए
उस विधाता ने,
न जाने कितनी बूँदें हैं,बरसाई
उस विधाता ने,
न जाने कितने जीव-जन्तु हैं,बनाए
उस विधाता ने,
न जाने कितनी असीमित कृपा है,बरसाई
उस विधाता ने,
न जाने कितने मुखौटे हैं,लगाए
उस विधाता के बनाए इंसान ने|