माँ को बनाया है,बड़े यत्न से रब ने
अपनी औलाद की हर खता को,
माफ़ करती है माँ,
जग से बिलकुल निराली होती है माँ,
बेहिसाब ममता से ओत-प्रोत होती है माँ,
माँ के आँचल में समां जाते सब गम हैं,
माँ से जितना प्रेम करो,वो कम है,
माँ के बिना सूनी है दुनिया सारी,
माँ के आने से,खिल जाती मन की क्यारी,
माँ की आँखों से बस प्रेम ही प्रेम बरसता है,
जहाँ माँ है,वहां मेरा संसार बसता है|