आज जन्म हुआ था,
एक नन्हे फ़रिश्ते का,
इस विशाल धरती के चमन में,
एक महकते हुए फूल का,
एक चमचमाते हुए स्वरुप का,
आज खुश हैं,चाँद-तारे गगन में,
आज गान कर रहें हैं,पर्वत और नदियाँ भी,
दे रहें हैं बधाइयां,बादल,हवाएं और सूरज की किरणें भी|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |