About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Friday, April 30, 2010


A sick man turned to his doctor,as he was preparing to leave the examination room and said,"Doctor,I am afraid to die.Tell me what lies on the other side."Very quietly the doctor said,"I don't know".The doctor was holding the handle of the door;on the other side came a sound of scratching and whining,and he opened the door,a dog sprang into the room with his tail wagging with an eager show of gladness.
Turning to the patient,the doctor said,"Did you notice my dog?He has never been in this room before.He didn't know what was inside....He knew nothing except that his master was here,and when the door opened,he sprang in without fear.I know little of what is on the other side of death,but,I do know one thing.I know my master is there and that is enough."

Thursday, April 29, 2010

अग्निरथ पर बैठकर ,बिना थके ,सूर्यदेव
अपनी तीव्र किरणों से बाण चलाएं,
गर्मी  के प्रकोप से उनकी,तपती धरा पर
पेड़-पौधे,पुष्प झुलसे और मुरझाएं,
तब हर पंथी की ऑंखें,नभ में मेघ घटा को ढूंढे,
की कब आसमान वर्षा की बूँदें बरसाएं|

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मनुष्य को सत्य के गूढ़ रहस्य को समझ कर ही जीवन की राह पर चलना चाहिए|ऐसा करने से वह समाज में उचित स्थान प्राप्त करता है और उसे आंतरिक सुख की प्राप्ति होती है|
Just learn to let go.Do not fret over the past or worry about your future.Accept situations as they are.Be a free spirit to be happy in life.

Wednesday, April 28, 2010

हे,प्रभु,विनती है आपसे हाथ जोड़कर,
रोते हुओं को,हंसा दो,
गिरे हुओं को उठा दो,
भटके हुओं को,सही मार्ग दिखाओ,
जो असहाय और निर्बल हैं,
उनपर,अपनी असीम कृपा बरसाओ|

Tuesday, April 27, 2010

Don't  regret that you are not like others.Let others regret,that they are not like you.

काम के तले ,दबकर रह गया बचपन उसका,
छूट गए सब संगी-साथी,और हर खिलौना उसका,
क्यों नन्हे हाथों में,थमा दी इतनी जिम्मेदारियां,
उसकी हंसने,खेलने -खाने के दिनों को बनाकर बोझ,
क्या मिला तुम्हे,उस मासूम के बचपनको,अपने पैरों तले रौंद|

Monday, April 26, 2010

There is a beautiful story -a dying old man,striving to live on ,requests his one and only child to somehow try to get a little piece of wood from his master's stick,which was used to bless people ,as he felt that was his only hope for survival. The young man ,knowing this was not possible in any way ,went for a walk in the nearby woods in despair as he really could not fulfill  this wish of his ailing father .As he looked down in despair , he saw fragments of  wood from the trees around and a thought  occurred to him. Picking one fragment ,he ran back and gave it to his old father,saying that a miracle had happened -he somehow got a little piece of from the master's stick ,and that now that it was here,the old man should pray for his recovery 'Miraculously', as we may say ,the old man only got better by the day and was finally able to get up from his bed.
The main dangers in this life are he people who want to change everything......or nothing.
When eating a fruit,think of the person who planted the tree.
किसी कार्य के लिए कला और विज्ञान ही पर्याप्त नहीं है,उसमे धैर्य की आवश्यकता भी पड़ती है|
जिसमे उन्नति कर सकने की क्षमता है,उसी पर विपत्तियाँ भी आतीं हैं|

Sunday, April 25, 2010

सपने देखतीं हैं आँखें,और
उड़ने लगता है,मन
आसमानों की तरफ ले जातें हैं,सपने
और झूमनें लगता है,मन
आँखों में सुनहरे ख्वाब सजाकर ,
लुप्त हो जातें हैं,सपने
किसी और दुनिया में,बेचैन मन को
छोड़कर,धरातल की धरती पर|
The heart who loves all,remains happy forever.

Saturday, April 24, 2010

मन खिल उठता है,
देखकर उगते हुए सूरज को,
मन खुश हो जाता है,
देखकर नाचते हुए मोर को,
मन नाचने लगता है,
मुस्कराहट देखकर मासूम चेहरों की,
मन प्रफ्फुल्लित हो जाता है,
देखकर फूलों का खिलना,
मन भावुक हो जाता है,
देखकर असीमित प्रेम तुम्हारी आँखों में|
Goodness is always an asset.A person who is straight,friendly and useful may not be famous,but is respected and liked by all who know him.

Friday, April 23, 2010

हम तुम,सागर के दो किनारों 
की तरह साथ-साथ चलेंगें,
दिल ये भी जानता है,की
जीवन की डगर पर कभी न मिलेंगे,
मन की तसल्ली के लिए,इक दूजे को
चाहेंगे और सरहाएंगे,
दूर से ही सही,इक दूजे का हम,
दिल से साथ निभाएंगे |

Thursday, April 22, 2010

A drop of hope sunshine and
drop of rain
mixed together,make a drop of beauty and 
drop of joy
mixed together make a  drop of hope
a drop of hope and drop of love
mixed together makes a mother and father

Wednesday, April 21, 2010

अब तो चंदा की चांदनी भी नहीं  बहलाती,
मन को,
न चमन के फूल,न ही उनकी खुशबू भाती है,
मन को,
टप-टप वर्षा की बूंदों का गिरना भी प्रफ्फुल्लित नहीं करता,
मन को,
जब से नज़रों से ओझिल हुए हो,हरदम तुम्हारी याद सताती है,
हम को|
संतोष गरीब को भी अमीर बना देता है,और असंतोष अमीर के गरीब|
Blessed are those who enrich the people around them.

Tuesday, April 20, 2010


कौन देगा सहारा,दीन-दुखियों को,
उस प्रभु के सिवा,
कौन हरेगा पीड़ा,गम के मारों की,
उस प्रभु के सिवा,
कौन मुक्ति देगा,इस भव-सागर से,
 उस प्रभु के सिवा,
हमारे मन और बुद्धि को सही दिशा,
देगा कौन उस प्रभु के सिवा|
Make happy those who are near,those who are far,will come near too.

Monday, April 19, 2010

आज़ादी क्या होती है,
पूछो,पिंजरे के पंछी से,
जो पिंज़रे की दीवारों से अपने
सिर को पटक-पटक,भूल चुका है उड़ना तक,
हर पल अपने  मन को मसोसता वह,
अपने सय्याद को हर सांस में कोसता वह,
कैद में तो,भारी लगता है हर क्षण,
बंद पिंजरे में,जीवन एक बोझ से कम नहीं,
दूसरों को उड़ता देख,हर पल एक टीस सी उठती होगी,
हाथ उठाकर,ईश्वर से कहता होगा,
तुझे किस्मत मेरी  बदलनी होगी|

Sunday, April 18, 2010

Whatever be the condition in which you find yourself,whatever be the suffering through which you pass,keep on thanking God all the time.When you do so,your heart expands and you become receptive to the helpful and healing forces of God.
एक साया ही तो है,अपना
जो साथ निभाता है उम्रभर,
बस सिर्फ साया,अपना
साथ चलता है उम्रभर,
सिर्फ साया है अपना,
जो हमारे हर कर्म का भागीदार रहता है उम्रभर,
एक साया ही तो है अपना,जो इंसान को आइना 
दिखाने का प्रयत्न करता रहता है,उम्रभर|

Saturday, April 17, 2010

Without God,our week is Mournday,Tearsday,Wasteday,Thirstday,Fightday,Shatterday and Sinday.So allow Him to be with you everyday.
थकता नहीं कभी दरिया बहते-बहते,
अक्सर मेरे लब चुप से हो जातें हैं,
तुमसे से कुछ कहते-कहते,
पता नहीं क्या मजबूरी है इस दिल की,
तुम्हारी चाहत में भूल चुका है,हर अपने-बेगाने को,
न मौत का खौफ सताता है इसे,न दुनिया का,
बेचैन है,दीवाना दिल तुम्हे पाने को|

Friday, April 16, 2010

Life is a strange blend of ups and downs,sorrow and happiness,success and failure,darkness and light,the good and the bad.It keeps on assessing a person's fortitude by presenting unpredictable situations without a fore-warning.

Thursday, April 15, 2010

Self-criticism and Introspection are useful exercises to appraise one's strengths and weaknesses so that one can understand one's potential.
अभी से क्यों न सोचें हम,
जिंदगी के शाम होने से पहले,
कुछ ऐसा कर पाएं हम,
हर पल दूसरों के काम आएं हम,
भले ही बहुत नाम न कमा पाएं,
पर मौत आने से पहले,
सही ढंग से जी कर दिखाएँ हम|

Wednesday, April 14, 2010

look on the bright side of life.laughter lowers levels of stress harmones and leaves one with a happy afterglow and tension-free muscles.A positive outlook improves immunity and promotes faster healing after illness.

Tuesday, April 13, 2010

बदनसीबी तो देखो उस गरीब की,
पैदा होते ही उसकी माँ ने,
उसका साथ छोड़ दिया,
जिनसे उम्मीद थी प्यार पाने की,
उन अपनों ने भी मुंह मोड़ लिया,
नफरत हो गई उसे दुनियावालों से,
जिन्होंने उसे अँधेरी सड़कों पर 
भटकने को बेसहारा छोड़ दिया|

Monday, April 12, 2010

Success is measured by hands & feet
Hands that work together & feet that stay together.

Sunday, April 11, 2010

                                                      माँ की ममता 
उठ ,जाग ,बस , और मत सो मेरे लाल |यह एक माँ का रुदन था जो मेरे दिल को रुला गया |रोज की तरह  , सुबह मैं दूध लेने  निकली , तो एक हृदय विदारक दृश्य देखकर ठिठक गई मैं |एक छोटा सा कुत्ते का पिल्ला सड़क के किनारे चिर निद्रा में सो रहा था |उसके मुंह  और एक पैर पर लहू लगा था ,शांति थी (दुःख से भरी )और एक माँ,उस नन्हे से कुत्ते की |वह विलाप कर रही थी और सोच रही थी ,की उसका पुत्र क्यों नहीं उठ रहा |अपने पैर से उसे हिला-हिलाकर कर मानो ,पूछ रही हो क्या हुआ तुम्हे ,उठकर खेल-कूद ,इस समय सोने का क्या अभिप्राय है |
इस दृश्य ने मुझे बहुत अशांत कर दिया |जैसे समुद्र के शांत जल में किसी ने कंकड़ फैंक दिया हो |सवालों से घिर गया मन ,न मन लगा किसी काम में ,न काज में |भारत माँ के बहुत से पुत्र भी सो गए है , गहरी नींद में ,बेखबर होकर अपने देश की परेशानियों से मुंह मोड़कर अपने कर्तव्यों से | आँखे चुराकर अपने भाइयो से (देशवासियों) की तरफ अपने फर्ज से और व्यर्थ है सब रिश्ते -नाते |दुःख देते है जीते -जी और मरने के बाद भी |

If you count your blessings,all your sufferings will recede automatically.

Saturday, April 10, 2010

ढलते हुए सूरज को देखकर,
बेचैनी बढ़ने लगी,
तुम्हारे दीदार की प्यासी अँखियाँ,
बोझिल सी होने लगीं,
मेरी तन्हाई भी मुझसे आँखें ,
छुपाकर रोने लगी,
तुम तो न आए,पर तुम्हारी याद,
मुझे फिर से सताने लगी|
We should inculcate the quality of accepting our mistakes in order to become great in real sense.

Friday, April 9, 2010

If you have a kind word to say,say it now
If you have something to give,give it now
If you can make someone glad or another less sad
Do it now.....Do it now.........Do it now.........
People who remain happy and keep others happy also,are blessed by the Almighty.

Thursday, April 8, 2010

कड़वी से कड़वी बात झेल सकता है वो,
मन निष्पाप हो जिसका,
कठोर से कठोर सत्य का सामना कर सकता वो,
इरादे मज़बूत हों जिसके,
जीवन की नैया को सुगमता से खे सकता है वो,
दिल में लगन और विश्वास हो जिसके,
संसार के पालनहार को पा सकता है वो,
जिसके हृदय  में सच्चाई,दया और प्रेम हो|

Truly blind are those people who always see the faults of others and always overlook their own faults.

Wednesday, April 7, 2010

सागर की लहरें हों,
हमसफ़र का साथ हो,तो क्या बात है,
सागर की लहरें हों,
कोई अपना पास हो,तो क्या बात है,
सागर की लहरें हों,
दिल से दिल की बात हो,तो क्या बात है|
The mind is a wild horse that needs to be tamed and given a direction.

Tuesday, April 6, 2010

नव-जीवन का संचार करती हैं,
हर किसी में,सूर्य की किरणें,
रौशन सारा जहां करती है,
सूर्य की किरणें,
अन्धकार को उजाले में बदलतीं हैं,
सूर्य की किरणें,
कण-कण में अपना तेज़ फैलातीं हैं,
सूर्य की किरणें|

Monday, April 5, 2010

The sun shines.Wind blows.Rivers flow.Seasons change.Flowers bloom.night becomes day.Not for itself but for others.Similarly,we too are here for others.

Sunday, April 4, 2010

प्यार कितना अनमोल होता है,
माँ-बाप का,
खुशहाल है,वो जिसे मिल जाए आशीर्वाद,
माँ-बाप का,
बड़े खुशकिस्मत है,वो बच्चे जिनके सिर पर हाथ है,
माँ-बाप का,
धरती पर स्वर्ग है,उनके लिए,जिन्हें नसीब है साथ,
माँ-बाप का|

Saturday, April 3, 2010

The size of a house has nothing to do with how happy it is inside.
No matter how beautiful your makeup is,it can't hide the expression of a sad heart.
बात बेसलीका हो अगर,
कहने का तरीका होना चाहिए,
दिल में किसी के लिए प्रेम न भी हो अगर,
होठों पर मिठास होनी चाहिए,
लम्बी जिंदगी,छोटी लगने लगेगी,
जीने का सलीका होना चाहिए|
Everyone wants to live on top of the mountain,but all the happiness and growth occurs while you are climbing it.
If you pray for your enemies,you will stop hating them.
Some people go for brains and some for beauty,but everyone appreciates a good sense of humour.

Friday, April 2, 2010

जन्म के साथ ही,हर इंसान अपने नसीब को,
अपनी बंद मुट्ठी में साथ लेकर आता है,
अपने कर्मों के हिसाब से,अपने खाते में 
सुख-दुःख लिखवाकर,साथ लाता है,
उस विधाता का कमाल तो देखो,कोई भी
अपने नसीब से कम,न ज्यादा पाता है|
In the name of progress,we forget our essential needs.We do not know the amont og money we need,the size of house we require,and the number of clothes we own.most of our time and energy are wasted are wasted in increasing them,rather than using or enjoying what we already possess.

Thursday, April 1, 2010

तुम क्या गए,दूर जिंदगी से हमारी,
हमने तन्हाई को गले से लगा लिया,
उजाले संग अपने ले गए,दूर जिंदगी से हमारी,
हमने अंधेरों को गले से लगा लिया,
तुम ले गए,संग अपने,खुशियों को हमारी,
हमने हंसकर,ग़मों को गले से लगा लिया|
The path of honesty always turns out to be more rewarding than the path of dishonesty.The problem with many honest persons is that,for them honesty becomes an end and not the means.After all,one has to be honest for some purpose and if the purpose is not achieved,the honesty becomes meaningless.
न कभी रोना,न किसी को रुलाना तुम,
जहाँ भी रहो,सब से मान पाना तुम,
बस ये दुआ,देतें रहेंगें तुम्हे हम सदा,
सदा खुश रहना,औरों को भी खुश रखना तुम|
 
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