लेकर तूलिका हाथ में,
मेघ रंगने लगे आसमान,
ठंडी हवाएं बहने लगी,
वर्षा की नन्ही बूंदों की,
रिझाने लगी,मनमोहक मुस्कान,
पेड़-पौधे,झूमने लगे,
पक्षी,कीट-पतंगे,को जैसे मिला एक नया जहां,
इस खुशनुमा माहौल के जादू का ऐसा है नशा,
कि नाचने-गाने को,मजबूर हो गया इंसान|