सपना बन कर पलते हैं,बच्चे
माता-पिता की आँखों के,
अपना सारा जीवन समर्पित करते हैं,
माता-पिता बच्चों के लिए,
अधिकतर बच्चे,माता-पिता की
भावनाओं का सम्मान नहीं करते,
करते-करते माता-पिता तो अपनी औलाद
के लिए,मर जातें हैं,
और बच्चे अपने माता-पिता को कुछ पल
सच्ची ख़ुशी के दे नहीं पाते हैं|