संगीत अधूरा है,
बिन सुर-ताल के,
नभ सूना है,
बिन चाँद-सूरज,तारों के,
सागर और नदियाँ प्यासी हैं,
बिन नीर,जल और पानी के,
हर प्राणी का जीवन अपूर्ण है,
बिन दया और प्रेम के|
बिन सुर-ताल के,
नभ सूना है,
बिन चाँद-सूरज,तारों के,
सागर और नदियाँ प्यासी हैं,
बिन नीर,जल और पानी के,
हर प्राणी का जीवन अपूर्ण है,
बिन दया और प्रेम के|