About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Friday, March 27, 2009

फूल चुनकर बहारों से हमने ,
सजाया है ज़िन्दगी का गुलिस्तान अपना
कलियाँ चुनकर चमन से हमने ,
सजाया है ज़िन्दगी का गुलिस्तान अपना
रंग चुनकर इन्द्रधनुष से हमने ,
सजाया है ज़िन्दगी का गुलिस्तान अपना मोंती चुनकर
सागर से हमने सजाया है ज़िन्दगी का गुलिस्तान अपना
ओस की नन्ही बूंदे पत्तों से चुनकर हमने ,
सजाया है ज़िन्दगी का गुलिस्तान अपना,
मुस्कान देकर, मुस्कान लेकर, हमने,
सजाया है ज़िन्दगी का गुलिस्तान अपना |
मन भागता फिरता है दूर गगन की छाँव में,
टिके तो समझाऊं उसे , जीने का राज़ बताऊँ उसे,
तारों की चमक देख कर,मेरे मन में जागी है ललक,
मैं भी आसमान का एक तारा बन जाऊं,
पर इस दीवाने मन को कैसे समझाऊँ मैं,
जीने का राज़ कैसे बताऊँ मैं |
हर सुबह की प्रतीक्षा करते हैं,रात आने के बाद,
बहार की प्रतीक्षा करते हैं , पतझड़ आने के बाद,
मेरा मन सिर्फ़ तुम्हे पुकार रहा है,
आसमान में इन्द्रधनुष छा जाने के बाद|
ज़िन्दगी में कुछ ऐसे लोग भी आते हैं,
जिन से कुछ ऐसा सम्बन्ध हो जाता है,
जो लाख चाहने पर भी तोड़ा नही जाता है,
कहने को तो,
हर आने वाला चला जाता है ,
पर कुछ जाने वाले बेशक,
मूक होकर जाते हैं, फिर भी,
एक गहरी याद दिल में छोड़ जाते हैं|
सपने बुनते रहे कहानियाँ सुनाते रहे,
हम हँसते रहे, सबको हँसाते रहे,
चुपके चुपके रोते रहे ,
और अपने आँसू छुपाते रहे,
क्यों ...हम अपना हाले दिल,
ख़ुद को सुनाते रहे,
मुस्कराहट देखने को तुम्हारे चेहरे की,
हम सदा यूँ ही मुस्कुराते रहे|
A Religious person is one, who contributes to the world,
some beauty,Some Joy,Some Happiness
and some celebrations which were not there,,
Something New,Something Fresh..,Some more Flowers.
 
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