सपने बुनते रहे कहानियाँ सुनाते रहे,
हम हँसते रहे, सबको हँसाते रहे,
चुपके चुपके रोते रहे ,
और अपने आँसू छुपाते रहे,
क्यों ...हम अपना हाले दिल,
ख़ुद को सुनाते रहे,
मुस्कराहट देखने को तुम्हारे चेहरे की,
हम सदा यूँ ही मुस्कुराते रहे|
हम हँसते रहे, सबको हँसाते रहे,
चुपके चुपके रोते रहे ,
और अपने आँसू छुपाते रहे,
क्यों ...हम अपना हाले दिल,
ख़ुद को सुनाते रहे,
मुस्कराहट देखने को तुम्हारे चेहरे की,
हम सदा यूँ ही मुस्कुराते रहे|
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