About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Thursday, July 2, 2009

व्यस्थता घर कि सुन्दरता है,संतोष घर कि बरकत है ,आतिथ्य घर कि शान है.
Learning is a treasure that will follow the learner everywhere.
उलझे रहते हैं,रिश्ते-नातों में
अक्सर हम इंसान,
गिले,शिकवे,गलतियां एक-दूसरे
की बताते नहीं थकते हम इंसान,
तृष्णा और माया के ज़ाल में फंसा,
रहता जीवन भर इंसान,
चाहकर भी छूट नहीं पाता जीतेजी ,
इस निर्मोही दुनिया से कोई इंसान.
Always live in the present.Enjoy every moment of the present and it will ensure happiness in the future.
वक़्त के साथ चले ,इंसान वो सुखी है,
समझ के भी न समझे ,हालात् को अपने ,
सबसे ज़्यादा ,इंसान वो दुखी है,
अक्सर सुना है,कहते लोगों को,
ऊपरवाले के राज् में देर है,अंधेर नहीं,
कर्म करें ,यदि हम सोच समझकर
तो देखेंगे,सुख-दुःख बोए हैं हमने,ये किस्मत का खेल नहीं।
Smooth seas never make good sailors and clear skies never make good pilots.
 
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