About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Friday, January 29, 2010

फूलों की सेज जैसी लगती है जिंदगी,
अगर हमसफ़र का साथ हो जीवन में,
तपती रेत सी बनकर चुभती है,जिंदगी 
अगर हमसफ़र का साथ न हो जीवन में,
जीने का सहारा,खुद हमसफ़र हो तो,
खुशियों की बरसात सी लगती है जिंदगी|
बेरुखी कभी-कभी कितना रुलाती है,
अपनों की,
बेरुखी कभी-कभी कितना सताती है,
अपनों की,
जीवन का एक नया रंग दिखाती है बेरुखी,
अपनों के नए चेहरे दिखाती है बेरुखी|
Love is a matter of profound tender feelings,of intensely warm sentiments and of refined sensibilities and attitudes.When it flows spontaneously,it is transformed into service,its quality being determined by the temprament of persons moved to feel for each other.
पतंगें तो डोर के साथ-साथ आसमानों 
में विचरण करतीं हैं,
इच्छाएँ बिन डोर के ही आसमानों 
को छूने का दम भरतीं हैं,
पतंग उड़ाने वाले वाले के हाथों में
उनकी लगाम होती है,
इच्छाएं तो बस बेलगाम ही उड़ा करती हैं|

 
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