About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Tuesday, November 30, 2010

A Clear Conscience is the softest pillow in the world..
                                                       
आने की आहट तुम्हारी,कर गई मुझको दीवाना 
गूंजने लगी,मन में
मंदिर की घंटियों सी,
प्रेम की अनुभूति होने लगी,
जैसे,हवा के झोंके 
उत्त्पन्न करते हैं,पत्तों में सरसराहट सी|

Monday, November 29, 2010

God writes a lot of comedy.........the trouble is,he's stuck with so many bad actors,who do not  know how to play funny.

Sunday, November 28, 2010

चुभने लगा है,शूल की तरह,
इंतज़ार तुम्हारा,
आंसू बहकर,बहने लगा है,
इंतज़ार  तुम्हारा,
कैसे कहें,सब्र की इन्तहा बन चुका है,
इंतज़ार तुम्हारा,
अब तो हमारे जीने का मकसद बन चुका है,
इंतज़ार तुम्हारा|

Saturday, November 27, 2010

कितना सच्चा होता है,
प्रेम इन बेजुबान जानवरों का,
बिलकुल निष्पाप और पवित्र,
बिना किसी बन्धन का,
सिर्फ खुशबू,होती है जिसमे 
प्यार और अहसास की,
अचूक दवा है,रूह की प्यास की| 

Friday, November 26, 2010

The measurement of achievement is not in winning awards,but in doing something which you really appreciate yourself and get satisfaction in doing that.

Thursday, November 25, 2010

छोडा न दमन कभी,
आशा और विश्वास का उसने,
अपने दृड़ निश्चय के आगे,
झुका दिया दुखों के पहाड़ों को उसने,
इंसान तो क्या,नतमस्तक होगें भगवान् भी,
उस अनाथ बालक का साहसऔर हिम्मत को देख के| 

Wednesday, November 24, 2010

                                                 THE REWARD OF LOVE
The story is told of a wealthy man who lost his wife when their only child was young.A housekeeper was hired to take care of the boy, who lived only into his teens.Heartbroken from this second loss, the father died a short time later.No one could be found; and since there were no relatives,it looked as if the state would get his fortune.The man's personal belongings,including his mansion,were put up for sale.The old housekeeper had very little money, but there was one thing she wanted.It was a picture that had hung on a wall in the house - a photo of a boy she had loved and nurtured.When the item were sold, nobody else wanted the picture, so she bought it for just a few pennies.Taking it home,she began to clean it and polish the glass.As she took it apart, a paper fell out.It was the man's will, and in it he stated that all his wealth should go to the one who loved his son enough to buy that picture .The legacy of heaven and the inexhaustible riches of god's love belong to all who trust and love him.
Like our shadows,our wishes lengthen as over sun declines.

Tuesday, November 23, 2010

कैसा रचा है,ऊपरवाले ने 
दुनिया का खेला,
हर तरफ भीड़ है,जैसे 
लगा है हर तरफ मेला,
शोरो-गुल मचा है हर तरफ,
किसी को इतनी फुर्सत नहीं,
की वोह देखे किसी की तरफ,
हर प्राणी इक दूजे से बेखबर है,
बेमुरवत को कहाँ,इक दूजे की खबर है|

Monday, November 22, 2010

To err is human.

Sunday, November 21, 2010

न जाने कब दिल में हमारे,
चाहत तुम्हारी पलने लगी,
न जाने कब दिल में हमारे,
तुम्हारे प्यार की कली खिलने लगी,
रोका खुद को,बहुत
समझाया,लबों को कुछ कहने न दिया,
पर क्या करें,इन आँखों का,जिन्होंने
कोई राज़,राज़ रहने न दिया|

Saturday, November 20, 2010

Do not tell your problems to anybody because 20% won't care and 80% will be glad that you have.

Friday, November 19, 2010

When a secret is revealed,it is the fault of the man who confided it.

Thursday, November 18, 2010

प्रफ्फुलित करना है यदि अपने मन को,
खिलते हुए देखो,
फूलों को,
खिलते हुए देखो,
बचपन को,
उगते हुए देखो,
सूरज को,
नाचते हुए देखो,
वर्षा की मस्त बूंदों को,और 
चंचल यौवन की उड़ान को|
Where there is no choice,we do well to make no difficulty.

Wednesday, November 17, 2010

दिल की बातें,
कुछ कह दो,कुछ रहने दो,
अपनों की बातें,
कुछ सुनो,कुछ रहने दो,
जो अच्छा लगे,मन को 
उसे सहेजकर रखो,हृदय में,
वाणी को रखो नियंत्रण में,
प्यार के झरनों को बहनें दो|

Tuesday, November 16, 2010

Create a beautiful world around yourself,where the happiness of others comes first.

Monday, November 15, 2010

सूरज का नित आना,
चंदा का नित जाना,
बदलकर,अपनी-अपनी पारी,
गर्मी और बरसात के बाद,
सर्द हवाओंने कर रखी है तैयारी,
पक्षी नित,अपने घोंसलों से 
विभिन्न दिशाओं में उड़ जाते,
दाना-पानी दूंढ़कर,फिर वहीँ लौटकर आते|

Sunday, November 14, 2010

Happy Childrens Day!

Friday, November 12, 2010

उड़ान अद्भुत है मन की,
पल में छूने निक़ल पड़ती है,आसमान
उड़ान अद्भुत है मन की,पल में 
रिश्तों के ताने-बाने से हो जाती है ,परेशान 
कभी-कभी दिशाहीन होकर,मन 
अपने उजालों को अँधेरा समझने लगता है,
रंगों से सजी,अपने जीवन की रंगोली को,
मायूस होकर,बेरंग मानने लगता है,
चलो,अपने मन में प्रेम का दिया जलाएं,
राग,द्वेष का अँधेरा दूर हटाएं,
फिर से,
अपनी जीवन की बगिया में,
आशाओं और उम्मीदों के रंग-बिरंगे फूल खिलाएं|
We never understand how little we need in this world until we know the loss of it.

Thursday, November 11, 2010

उसका उपकार है,
हम नित पेट भर खातें है,
उसका उपकार है,
हम नित हँसते-मुस्कुराते हैं,
उसका उपहार है ये,
हम जब चाहें,गाते-गुन्गुनातें हैं,
हे प्रभु,ऐसे ही सदा अपनी कृपा बरसाते रहना,
हमारी हर साँस को नेक कार्यों में लगाए रखना|

Wednesday, November 10, 2010

We should take our responsibilities seriously,not ourselves.

Tuesday, November 9, 2010

उसकी हिम्मत की देनी होगी,दाद 
जिसका कभी भी,किस्मत ने न दिया साथ,
विपदाओं से था,उसका रिश्ता अनोखा,
हर अपना-पराया देकर गया एक नया धोखा,
न मिली कभी पेट भर रोटी,
न मिले कभी दो पल सुकून के,
हार न मानी फिर भी,कभी उसने
अपने जीवन को चुनौती,मानकर जिया सदा उसने|
Very often,situations that are frustrating can be great learning opportunities.It's all a question of perspective.

Monday, November 8, 2010

देखा है,
झूठे ज़माने का चलन,
देखा है,
अपना बनकर,दिल को चोट पहुंचाने का यतन,
क्यों नहीं देख पाती,दूसरों को खुश दुनिया,
क्यों बिन बात,जी को जलाती है दुनिया,
न जाने क्यों,
हँसते हुओं को रुलाती है,ये निर्मोही दुनिया|

Sunday, November 7, 2010

We keep achieving goals without really spending any moments appreciating our acquisitions.
उलझनें कैसी हैं ये,
जो सुलझ के भी सुलझती नहीं,
मुश्किलें कैसी हैं ये,
जो हटकर भी हटती नहीं,
रिश्ते कैसे हैं ये,
जो दूर रहकर भी दूर होते नहीं,
न जाने,कैसा सम्बन्ध है,
आंसूओ  का इन आँखों से,न दुःख में
न सुख में,इक दूजे से जुदा होते नहीं|

Saturday, November 6, 2010

सब तरफ रौशनी है,
सब तरफ खुशियाँ हैं,
सब तरफ उमंग है,
सब तरफ प्यार की झंकार है,
हर किसी के मन में आशाओं के दीप,
जलाने वाला,ये दीपावली का त्यौहार है|

Friday, November 5, 2010

Happy Diwali To All!

Thursday, November 4, 2010

हो अँधेरी रात कितनी,
पर दिया जलाना कहाँ मना है,
आँखों में हो कितने आंसू,
पर मुस्कुराना कहाँ मना है,
जीवन की डगर पर,न मिले किसी का साथ,
पर अकेले ही,हिम्मत से आगे बढना कहाँ मना है|

Wednesday, November 3, 2010

खुद में ईश्वर को ढूँढना,ध्यान है,
दूसरों में ईश्वर को देखना,प्रेम है,
सर्वत्र ईश्वर का दिखाई देना,ज्ञान है|

Tuesday, November 2, 2010

An act of love,no matter how great or small,is always appreciated.

Monday, November 1, 2010

खुद अपना आकाश बनाएं,
उसे अपने सूरज,चाँद और तारों से सजाएं,
दूर करें मन से,अज्ञान के अँधेरे
गिले-शिकवे की दुनिया से दूर,
हम आगे बढें,जीवन की डगर पर
एक नए उल्लास से तय करें,जीवन का बाकी सफ़र|
 
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