About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Sunday, April 11, 2010

                                                      माँ की ममता 
उठ ,जाग ,बस , और मत सो मेरे लाल |यह एक माँ का रुदन था जो मेरे दिल को रुला गया |रोज की तरह  , सुबह मैं दूध लेने  निकली , तो एक हृदय विदारक दृश्य देखकर ठिठक गई मैं |एक छोटा सा कुत्ते का पिल्ला सड़क के किनारे चिर निद्रा में सो रहा था |उसके मुंह  और एक पैर पर लहू लगा था ,शांति थी (दुःख से भरी )और एक माँ,उस नन्हे से कुत्ते की |वह विलाप कर रही थी और सोच रही थी ,की उसका पुत्र क्यों नहीं उठ रहा |अपने पैर से उसे हिला-हिलाकर कर मानो ,पूछ रही हो क्या हुआ तुम्हे ,उठकर खेल-कूद ,इस समय सोने का क्या अभिप्राय है |
इस दृश्य ने मुझे बहुत अशांत कर दिया |जैसे समुद्र के शांत जल में किसी ने कंकड़ फैंक दिया हो |सवालों से घिर गया मन ,न मन लगा किसी काम में ,न काज में |भारत माँ के बहुत से पुत्र भी सो गए है , गहरी नींद में ,बेखबर होकर अपने देश की परेशानियों से मुंह मोड़कर अपने कर्तव्यों से | आँखे चुराकर अपने भाइयो से (देशवासियों) की तरफ अपने फर्ज से और व्यर्थ है सब रिश्ते -नाते |दुःख देते है जीते -जी और मरने के बाद भी |

If you count your blessings,all your sufferings will recede automatically.
 
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