About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Saturday, October 10, 2009

गरीबी एक श्राप की तरह न जाने,
कितनी जिंदगियों से जुडी है,
भूख-प्यास से बेहाल हैं,
कितने बदनसीब,न मिला कभी,
ढंग का कपड़ा,न पेट भर रोटी,
तंगहाली में जीवन जीने की विवशता,
और उनकी खोटी किस्मत ने न जाने,
दफ़न किएँ हैं,उनके कितने अधूरे सपने|

Selfishness should be rejected and selflessness should be warmly accepted.Thus,one can find true meaning in life.
प्रफुल्लित करता है,नन्ही-नन्ही,
वर्षा की बूंदों का धरती पर गिरना,
प्यासी धरती के ऊपर ,
काले मेघों का गरजना और बरसना,
विशाल नीले अम्बर पर,सूरज ,
चाँद और तारों का आंखमिचौनी खेलना,
पहाड़ों की बर्फ का पिघलकर,नदी,झरने,
तालाब बनकर,सागर की गोद में समां जाना |

 
Clicky Web Analytics