About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Thursday, September 10, 2009

माँ-बाप अपना सब कुछ लुटा देतें हैं ,
अपने बच्चों के लिए,
माँ-बाप अपना जीवन दांव पर लगा देते हैं,
अपने बच्चों के लिए,
एक मुस्कान देखने के लिए ,क्या कुछ नहीं
करते ,माँ-बाप उनके लिए,
उपकार इतने करते हैं ,सात जन्म भी कम हैं,
उन्हें चुकाने के लिए।
Bitterness is a sign of emotional failure,it paralyzes our capacity to do good.
पहाड़ों से जल बहकर आए झरनों में,
झरनों का जल बहकर आए नदियों में,
नदियों का जल समा जाए सागर में,
प्रकृति का कमाल तो देखो,कैसे
सागर भर लाये गागर में।
Do not count every hour in a day,make every hour count.
 
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