About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Tuesday, June 15, 2010

एक परिंदे को उड़ते देख,
न जाने क्यों मन में जागी उड़ने की ललक,
उसका रिश्ता देख आसमान से,
आसमान को छूने को मन बेचैन होने लगा,
बादलों की उंचाई,कम लगने लगी,
मन की उमंग के सामने,
जीवन की डोर भी कमज़ोर लगने लगी,
उस पंछी के हौंसलों के सामने|

Watch your thoughts,as they become actions,
Watch your actions,as they become habits,
Watch your habits,as they become character,
Watch your character,as it becomes your Destiny.
"If we have no peace,it is because we have forgotten that we belong to each other."
चिड़िया की मेहनत करने की क्षमता तो देखो,
नन्ही-नन्ही चोंच से कैसे तिनका-तिनका जोड़ 
अपना घोंसला बनाया,
ज़ाल देखो मकड़ी का,अध्बुद्ध
लगता है जैसे उसने सदा किया है अनथक परिश्रम,
कभी एक पल व्यर्थ न गंवाया,
क्यों न हम इंसान भी सीखें इनसे कुछ,
केवल अपने और अपनों के ही नहीं,
दूसरों के काम आकर जीवन अपना सार्थक बनाएं हम|
 
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