ऐ दिल,ले चल कहीं दूर मुझे,
जहाँ हवा के ठन्डे झोंके,
गाकर सुनाएं प्यार भरे तराने,
चाँद और सूरज सुनाएं इक दूजे को,
अपने-अपने भूले-बिसरे फ़साने,
सागर की लहरें,इठलाती-बलखाती
मुझे प्रेम से पुकारें,
बादल खेल रहें हो,इक दूजे से आँख-मिचौली,
वर्षा की नन्ही बूँदें,तन-मन को भिगोएं,
पूरा हो हर ख्वाब,जो ये बांवरी अँखियाँ सजाएं|