माँ-बाप की कमी कोई बाँट नहीं सकता,
कोई भी उनके आशीषों को काट नहीं सकता,
उनके सामने,हर देवता का स्थान दूजा है,
माँ-बाप की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है,
विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्रा व्यर्थ है,
यदि बच्चों के होते हुए माँ-बाप असमर्थ हैं,
वो खुशनसीब है,माँ-बाप जिनके साथ होतें हैं,
क्योंकि,
माँ-बाप के आशीषों के हज़ारों हाथ होतें हैं|