कभी-कभी एक पल बिताना मुश्किल हो जाता है,
और कभी पलों में बीत जातीं हैं सदियाँ,
पानी के एक कतरे को तरसतें हैं लोग,
और बेहिसाब पानी बहा ले जातीं हैं नदियाँ,
जहाँ दुखों और कठिनाइयों से जूझ रहे होतें हैंकुछ लोग,
और कहीं डेरा डाल लेतीं हैं,खुशियाँ ही खुशियाँ|