दिल में जिसके,प्यार नहीं
जिसके कठोर मन को,
किसी अपने की दरकार नहीं,
किसी के दर्द और पीड़ा का,
जिसे तनिक भी एहसास नहीं,
किसी दूसरे के सुख-दुःख से,
जिसे कोई सरोकार नहीं,
वह इंसान होते हुए,भी इंसान नहीं|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |