About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Thursday, April 9, 2009

पल...|


बीत गए जो पल, हम याद करके उन्हें अक्सर होते हैं विकल,
कभी आशंकित होने लगते हैं, सोचकर आने वाले पल,
ज़िन्दगी सार्थक हो जाए हमारी , यदि हम जी सकें
आज के पल......
चिंता में डूबकर बीते हुए पलों की,
हम खो दें अपने वर्त्तमान पल....|
वृद्ध व्यक्ति जो झुक कर चलता है,
वह धरती में क्या खोजता चलता है?
उसका जो यौवन रुपी रत्न गया है,
उसे ही खोजता है,
की शायद धरती पर गिरा हुआ हो|
कांच का कटोरा , नेत्रों का जल , मोती और मन,
यह एक बार टूटने पर, पहले जैसे नही रहते.
अतः पहले ही सावधानी बरतनी चाहिए|
रफ्तार थम जाए ज़िन्दगी की,
डोर कसकर थामे रखो ,अपने मन के रथ की,
आश्रित होकर दूसरों पर,
व्यथित होने दो मन को ,
दुनिया का केवल हँसना ही काम है,
जीवन अपना सौंपकर उस प्रभु को एक बार ,
फ़िर सोचो क्या अंजाम है|

Try this cocktail ...;Humanity,Humility,Wit,Generosity and above all,Gratitude... this is our most direct line to God and the angels.
Our life may be long or it may be short,but it surely would be an absolute waste ,if we have failed to befriend happiness.
 
Clicky Web Analytics