About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Friday, December 31, 2010

गाय गोबर से पृथ्वी को,गोमूत्र से जलको,
श्वास से अग्नि को,प्राणशक्ति स्पंदन से 
पवन को,हुंकार से आकाश को,दूध-दही
एंव घृत से मन,बुद्धि तथा चित्त को शुद्ध-
बुद्ध एंव सशक्त पोषकता प्रदान करती है|
गौ माता के प्रत्येक अन्तस्थ दिव्य यंत्रों 
से उत्पन्न ऊर्जा समष्टि प्रकृति को सदैव 
    मिलती रहती है|

Thursday, December 30, 2010

दूसरों की गलतियां देखते रहते है हम,
खुद की गलतियां देखने का वक़्त नहीं,
दूसरों के सुखों से परेशान होते है लोग,
खुद की खुशियाँ बटोरने  का वक़्त नहीं,
न जाने क्यों भाग रहें हैं,हर दम लोग
जिंदगी को आराम से जीने का वक़्त नहीं|

Wednesday, December 29, 2010

Every human-being must realize the immense power and potential that nature has gifted to all of us.

Tuesday, December 28, 2010

हम इस प्रकार अपना जीवन व्यतीत करें,की हमारे  मरने पर कोई दो आंसू बहा दे\
साथ तो उसने भी चाहा था,
हमसफ़र का अपने,जीवन की डगर पर 
पता ही न चला,अचानक कब छूट गया,
साथ हमसफ़र का,जीवन की डगर पर,
उसके जाते ही,सूनी बड़ी लगने लगी,
जीवन की डगर,
बिन मन के मीत के,बन गया बोझिल और अंतहीन,
जीवन का सफ़र|

Monday, December 27, 2010

Good luck seldom comes in pairs but bad things never occur alone.

Sunday, December 26, 2010

अँधेरा है खामोश खड़ा,
फिर क्यों डराता है,मन को
अँधेरा है चुपचाप खड़ा,
फिर क्यों सताता है,सब को
अँधेरा भी,उजाले की तरह सत्य है,
अँधेरे में,रौशनी अपने पीछे लाने का दम है,
अँधेरे से लड़ना,हौंसले का प्रतीक है,
अँधेरे को पीछे छोड़कर,
रौशनी की तरफ कदम बढाने में,हमारी जीत है|

Saturday, December 25, 2010

Old age puts more wrinkles in our minds than our faces.

Friday, December 24, 2010

कुछ रिश्ते न चलते हैं,आगे 
कुछ रिश्ते न बढते हैं,आगे
बस बदलता है,उनका रुख 
बस बदलती हैं,उनकी संवेदनाएं,
मन को आहत करने लगतीं हैं,
उनकी बदलती दिशाएँ,
न जाने क्यों,कभी-कभी 
सपने बुनने लगता है मन,किसी बेगाने के साथ,
तो,क्यों कोई अपना होकर भी,अपना लगता नहीं,
दिल खुद को कोसता है,तो  कभी वक़्त को,जो बदलता ही नहीं|
Your love towards others will soon form a lovely,thick slice of life and memories.

Thursday, December 23, 2010

सच्ची दोस्ती का कोई नहीं जवाब,
यह देती है,हमें खुशियाँ बेहिसाब,
जीवन की जंग में लड़ने की असीम हिम्मत,
हर छोटे-बड़े तूफ़ान से टकराने की ताकत,
हर दिन की नयी शुरूआत,
कह पाना अपने दिल की बात,
सच्ची दोस्ती का कोई.......

Wednesday, December 22, 2010

Maturity is the art of living in peace with that which we cannot change,the courage to change that should be changed-and the wisdom to know the difference.

Tuesday, December 21, 2010

सूर्य की किरणों का बड़ा है,
एहसान
कण-कण,हर पत्ते-पत्ते पर हैं,
मेहरबान
सूर्य देवता की कृपा है भारी,
तभी तो,महक रही है,हर क्यारी
सूर्य की किरणों ने दिया है,
हम सबको जीवनदान,
क्या पशु,क्या पक्षी,क्या इंसान 
थकते नहीं,करते उसकी महिमा का बखान|

Monday, December 20, 2010

God created us,so he knows exactly how we feel.We can confidently turn to him in our hours of perplexity and frustration.He recognizes the difficulty of our situation,and has the answers to our problems.

Sunday, December 19, 2010

बेटी के ससुराल जाते ही,
उसका दिल करने लगा फरियाद,
हर लम्हा रोने लगा,करके उसे याद,
मज़बूत बहुत करा मन को,
समझाया ज़माने का चलन,
पर,
इन आँसूओं के आगे,बेकार थे सब यत्न,
अब अपना था,उसके पिया का घर,
माँ-बाप का घर-अंगना छूट गया सब|

Saturday, December 18, 2010

The remedy for wrongs is to forget them,and living well because that could be the best revenge.

Friday, December 17, 2010

यादों से हीरे-मोंती चुनकर,
दिल का गुलशन हमने सजाया है,
तुम न मिल पाए तो क्या,तुम्हारी
तस्वीर से सदा दिल को बहलाया है,
धुल गया हर रंजो-गम,उन बेहिसाब
नैनों के जल से,जो हमने हर पल,तुम्हारियाद में बहाया है|

Thursday, December 16, 2010

A person wearing a smile is liked by everyone.That is why someone said,"Wear a smile and have friends,wear a scowl and have wrinkles."

Wednesday, December 15, 2010

'OM'is the holiest of all the holy words and mother of all names and forms.

Tuesday, December 14, 2010

सपनों का शहर है,ये
कोई सपने बेच रहा,
तो कोई सपने खरीद रहा,
कोई सपने देख रहा,
तो कोई झूठे सपने दिखा रहा,
तुम्हारा प्यार का कैसा है असर,
सपनों में बसकर,आँखों के रस्ते,
हरपल,दिल में समां रहा|
Music washes away from the soul the dust of everyday life.

Monday, December 13, 2010

कैसा बीता उसका बचपन,
बिन माँ-बाप के प्यार के,
कैसे बीता उसका हरपल,
बिन माँ-बाप के दुलार के,
मिला न बाप का कंधा रोने को,
मिला न माँ का आँचल सोने को,
किन कर्मों की मिली इतनी कठोर सजा,
न जीवन में रहो कोई ख़ुशी,न कोई मजा,
कैसे बीतेगा उसका यौवन,बिन माँ-बापके प्यार के......

Sunday, December 12, 2010

There are two kinds of people,those who work and those who take the credit.Try to be in the first group because there is less competition there.

Saturday, December 11, 2010

Prayer is a deep connection with the Divine inherent in everything and everywhere.It is a quality,a state of being.

Friday, December 10, 2010

तारों से सजा है,आसमान
पेड़-पौधों से सजी है,ये धरती
हवाएं घुंघरू बजा रहीं,
पंछी और चिड़ियाँ कर रहें,मस्ती
चाँद-सूरज छलका रहे,रौशनी भरी गागर 
लहरें बल खा रहीं,इठलाकर झूम रहा है,सागर,
ओस की नन्ही बूँदें,नृत्य कर रही पत्तों पर,
वर्षा के आते ही,मतवाला मोर नाचने लगा,उठाकर अपना सर,
ये है प्रकृति का जादू.......
जिस मनुष्य ने झुकना सीख लिया,वह कभी टूट नहीं सकता|

Thursday, December 9, 2010

Don't be a grumbler.Look what was good in a situation,instead of what was wrong.Some of us are eternal sad sacks,looking gloomy and spreading gloom.

Wednesday, December 8, 2010

हर वृक्ष की हर डाली में,
समाया है,अनुपम सौन्दर्य 
इन का हर पत्ता,
बनाया है,प्रभु ने बड़े यत्न से,
शायद तभी,ये खड़े है तन के,
कभी लगता है,
विनम्रता से भरे हैं,ये विशालकाय वृक्ष,
फल,फूल,छाया अपनी दे-देकर थकते नहीं,
कुछ इंसान इन्हें काटते हुए,प्रभु से भी डरते नहीं|

Tuesday, December 7, 2010

Do what you love,love what you do.

Monday, December 6, 2010

तुम्हारे प्रेम से,
रौशन है जहाँ हमारा,
तुम्हारा प्रेम ही तो,
है,हमारे जीने का सहारा
हवाओं में,खुशबू की तरह
घुला है,प्यार तुम्हारा
गुलिस्तान बन चुका है,जीवन
फूलों की तरह,जिसमे महक रहा है प्यार तुम्हारा|

Sunday, December 5, 2010

Peace and harmony are the gifts of a disciplined tongue.

Saturday, December 4, 2010

जैसे खिलतें हैं फूल चमन में,
हर दिल में खिल सकतें हैं,
बस खिलानेवाला चाहिए,
आसमान में टिमटिमाते हैं तारें,
हमारे जीवन में भी प्रकाश फैला सकतें है,
उजाला,बस उन्हें बुलाने वाला चाहिए,
हर तरफ है,बरस रही है ,कृपा प्रभु की,
बस,हमारे कर्मों में उसको ग्रहण करने की शक्ति होनी चाहिए|

Friday, December 3, 2010

Maturity is the capacity to face unpleasantness and frustration,discomfort and defeat,without complaint or  collapse.

Thursday, December 2, 2010

मान-सम्मान कभी किसी के देने से नहीं मिलता,वह तो हर किसी को अपनी योग्यता के अनुसार मिलता है|

Wednesday, December 1, 2010

जीवन की कड़ी धूप में,
ठंडी छाँव है,माँ-बाप का प्यार,
जीवन की जंग में,
शीतल छाँव है,माँ-बाप का दुलार,
बड़े खुशकिस्मत हैं वो,
जिन्हें प्रभु के आशीर्वाद के रूप में,
नसीब है,माँ-बाप का प्यार|
 
Clicky Web Analytics