I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline.
I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.
रंगों से सजे इन्द्रधनुष को देखकर, सात सुरों में गाने लगा,मेरा मन, सुंदर नज़ारा देखकर रह गई मैं दंग, बादलों ने बरसकर ,कर दिया है सारा वातावरण खुशनुमा, लगता है जैसे,राग मल्हार गाकर, पपीहे ने ,बाँध दिया समां।
Sharing the joys and sorrows of others is possible only when one is harmonious within oneself.
As every thread of gold is valuable,so is every moment of time.
आशा ,उम्मीद न छोड़ो तुम , बेरुखी से,कभी भी, दिल किसी का न तोड़ो तुम, जीवन में ,केवल खुशियों से ही नहीं , ग़मों से भी नाता जोडो तुम, भूलकर दुःख-दर्द अपने, देखो दूसरों केलिए भी सपने, ख़ुद के लिए सदा जिए हो, कभी दूसरों के लिए जीकर तो देखो तुम।
It is easy to be thankful for the good things in life.But a life of rich fulfillment comes to those,who are also thankful for their setbacks.
God keep my eyes open so that I can clearly see all the beauty of life surrounding me.
डगर आसान लगने लगी जीवन की, जब से साथ मिला तुम्हारा, हर कांटें की चुभन भी कम लगने लगी, जब से हाथ में हाथ आया तुम्हारा, आसमान के रंग बदलने लगा है, पाकर असीम प्यार तुम्हारा , हर खुशी जैसे झोली में आ गई है, पाने के बाद साथ तुम्हारा, दिल की हर कली मुस्कुराने लगी है, पाकर चाहतों का संसार तुम्हारा।