About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Sunday, September 6, 2009

इश्वर आपने हर कदम पर ,मुझे दिया है,
अपनी गोद का सहारा,
थामा न होता ,यदि हाथ आपने तो न
जाने क्या होता हमारा,
दुनिया में आकर सीख गए हम बहुत कुछ,
पहचान जो बनी है ,तेरी राह में चलते-चलते,
हाथ जोड़कर है बिनती ,मेरी आपसे प्रभुजी,
आपके दिखाए मार्ग पर सदा चल पाऊँ मैं,
थक जाएँ पाँव मेरे,पर रुके कभी नहीं.
जहाँ सांच है,वहां प्रभु आप है.
सूर्योदय होते ही ,चहकने लगती हैं
चिड़ियाँ हजारों,
चमन में फूल बनने को बेचैन रहतीं हैं,
जैसे कलियाँ हजारों,
हकीक़त बनने को तरस रहे अंखियों में,
सपने हजारों,
ओस की नन्ही-नन्ही बूंदों ने भिगो दिए,
फूल-पत्ते हजारों।
For every minute spent in organizing,an hour is earned.
When we come to ask mercy and blessing from God,we should have a spirit of love and forgiveness in our hearts.
सागर अपनी गहराई जान नहीं पाता कभी,
जैसे आसमान अपनी अंतहीनता से रहता अनजान,
वैसे ही,समझ के भी,एक दूसरे को कहाँ
समझ पाता है ,नादान इंसान ,
मैं और मेरा ,के पीछे बांवरा हुआ ,
भटकता डोल रहा ,न जाने क्यों इंसान.
God is the source of light and joy to the universe.Like rays of light from the sun,like the streams of water bursting from a living spring,blessings flow out from Him to all his creatures.
 
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