पेड़ हैं,
आशिआने अनगिनत पंछियों के,
पेड़ हैं,
ठिकाने अनगिनत पंथियों के,
इस विशाल धरती के सीने पर,
खड़े हैं,अपना सीना तान के,
अनथक हैं,दयावान हैं,
अनजान हैं ये,खुद अपनी पहचान से|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |