जैसे खिलतें हैं फूल चमन में,
हर दिल में खिल सकतें हैं,
बस खिलानेवाला चाहिए,
आसमान में टिमटिमाते हैं तारें,
हमारे जीवन में भी प्रकाश फैला सकतें है,
उजाला,बस उन्हें बुलाने वाला चाहिए,
हर तरफ है,बरस रही है ,कृपा प्रभु की,
बस,हमारे कर्मों में उसको ग्रहण करने की शक्ति होनी चाहिए|