About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Sunday, January 3, 2010

तुम्हारे आ जाने पर,हर
लम्हा गुनगुनाने लगता है,
बगिया के फूलों पर बैठा,हर
भंवरा भी गाने लगता है ,
न जाने हर कली पर,कौनसा
जादू छाने लगता है,
तुम्हारे आने पर,हवाओं में
खुशबू का ख़ुमार सा लहराने लगता है|


जुदाई बहुत दुखदाई होती है,
चैन,दिल का करार सब छीन लेतीहै,दिल को चूर-चूर करती   है ,
दूरी अपनों से,मुश्किल जीना कर देती है,
जुदाई अपनों से चैन से मरनें भी कहाँ देती है|



समझ के भी न समझे हम कभी,
इस निष्ठुर दुनिया का चलन,
हंसने वाले का हँसना न भाए,
रोनेवाले के आंसू पोंछ न पाए,
बेरुखी ने इन दुनियावालों की,जीने न दिया,
दिल में हसरतों के फूलों को कभी,खिलने न दिया|
Wisdom is never a part of the curriculum of any management schools or institution,but can only be learnt on the job as one goes through life in its many shades.

 
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