About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Sunday, December 6, 2009

गीत कोई ऐसा गुनगुनाओ,जो 
भुला दे दुनिया के रंजो-गम,
तराना कोई ऐसा सुनाओ,जो
हल्का कर दे,मन की उलझन,
फ़साना कोई ऐसा बताओ,जो
हमें दूर ले जाए,खुद अपनेआप से,
लगता है,न जाने क्यों कभी-कभी
छल कर गया,हर अपना चुप-चाप से|

किसी की दुआ न ले सको,कोई बात नहीं ,पर किसी को दुखी कर के बद्दुआ लेना,एक अभिशाप के समां है|

रफ़्तार थम न जाए जीवन की,
डोर कस कर थामे रखो,मन के रथ की,
आश्रित होकर दूसरों को,व्यथित न होने दो मन को,
फलता-फूलता देखकर औरों को,
इर्ष्या करना,दुनिया का काम है,
सौंप दो अपना जीवन ,प्रभु को
फिर न सोचो क्या,क्या अंजाम है|

The purpose of life is to be happy and make human life pleasant;the way to happiness is through compassion,benevolence,love and warm-heartedness.

 
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