अपनी तकदीर को देखकर,
कभी निराश नहीं होते,
दूसरों की खुशियों को देखकर,
खुद को गम में नहीं डुबोते,
हाथ की लकीरों को,
बदलते देर नहीं लगती,
तकदीर तो उनकी भी होती है,
जिनके हाथ नहीं होते|
कभी निराश नहीं होते,
दूसरों की खुशियों को देखकर,
खुद को गम में नहीं डुबोते,
हाथ की लकीरों को,
बदलते देर नहीं लगती,
तकदीर तो उनकी भी होती है,
जिनके हाथ नहीं होते|