चिड़िया की मेहनत करने की क्षमता तो देखो,
नन्ही-नन्ही चोंच से कैसे तिनका-तिनका जोड़
अपना घोंसला बनाया,
ज़ाल देखो मकड़ी का,अध्बुद्ध
लगता है जैसे उसने सदा किया है अनथक परिश्रम,
कभी एक पल व्यर्थ न गंवाया,
क्यों न हम इंसान भी सीखें इनसे कुछ,
केवल अपने और अपनों के ही नहीं,
दूसरों के काम आकर जीवन अपना सार्थक बनाएं हम|
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