बुडापे ने,तन को असहाय बना दिया,
बुडापे ने,बहुत से अपनों का प्रेम छुड़ा दिया,
जो बच्चे दम भरते थे,बुडापे में अंधे की लाठी बनने का,
वक़्त आने पर,उन सबने अंगूठा दिखा दिखा दिया,
अपना ही शरीर क्षीण होकर दगा देने लगा जब,
उसके सगे ही,धीरे-धीरे उससे दूर जाने लगे सब|
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