न जाने कैसा अध्भुद सुख अनुभव
करती है ये आँखें,देख कर तुम्हे
न जाने कैसा करार प्राप्त करता
है ये दिल,साथ पाकर तुम्हारा
न जाने कौन सा सुकून हासिल
होता है हमें,लेकर नाम तुम्हारा|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
1 comment:
Happy is the person whom is written for!
Little sis
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