कभी देना हो रूह को सच्चा सुकून,तो
देखो उगते हुए सूरज को,
फूल को खिलते हुए,
ओस की बूँद को पत्ते पर गिरते हुए,
पहाड़ों की बर्फ को पिघलते हुए,
मोर को पंख फैलाकर नाचते हुए,
किसी पपीहे को गाते हुए,
किसी को तुम्हारी वजह से मुस्कुराते हुए,
बादलों को मस्ती से बरसते हुए,
माँ का अपने कलेजे के टुकड़े को गले से लगाते हुए|
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