About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Sunday, October 31, 2010

A man should never be ashamed to own he had been in the wrong,which is but saying,in other words,than he is wiser today than he was yesterday.

Saturday, October 30, 2010

छलकती  हुई आँखें देखो किसी की,
बिन पूछे समझने की कोशिश करना,
ये बेरुखी है,किसी अपने की
ये मौन सीभाषा है ,किसी टूटे हुए सपने की,
कुछ दबे हुए जज्बात हैं,
कुछ खोए हुए एहसास हैं,
ऐसी बातें हैं,जो हम कह नहीं पाए,
ऐसी बातें हैं,जो हम सह नहीं पाए,
कुछ अधूरी तमन्नाएं हैं,नादान दिल की,
कुछ हसरतें,ऐसी,जो कभी न हो सकी पूरी,
छलकती हुई आँखें..........
Be not be afraid of life.Believe that life is worth living,and your belief will help create the fact.

Friday, October 29, 2010

कभी खुद को,
गम के अंधेरों में डूबने मत देना,
सुबह होगी जरूर,
दिल को मज़बूत कर,उसका इंतज़ार करना,
जो डर जातें है,शीघ्र ही दुनिया के तूफानों से,
फासले बढ़ने लगतें हैं,मंजिलों से उनके|

Thursday, October 28, 2010

रिश्तें की दास्ताँ है,एक
अंतहीन पीड़ा,
रिश्तों की दास्ताँ हैं,एक
अनबूझी पहेली,
रिश्ते निभाना कला है,एक
जिसे निभाना,कम नहीं एक सजा से,
कोई भी बच नहीं सका है इन रिश्तों के जंजाल से,
हंसकर या रोकर,वो छूट नहीं पाया,इनके मायाजाल से|

Tuesday, October 26, 2010

बहुत प्यार और सम्मान 
मिला है आपसे,
अच्छे ढंग से जीवन जीने को,
उत्साह मिला है आपसे,
मन में उठने वाले हर सवाल का,
हल मिला है आपसे,
दुआ करते है आज,आपकी खुशहाल जिंदगी की,
कुछ भी हो,कभी रब न रूठे आपसे|

Monday, October 25, 2010

We should count  our happiness by the moments in which we make others happy.

Sunday, October 24, 2010

जिंदगी का रुख मोड़ सकतीं है,
कुछ शिकवे,कुछ शिकायतें
जीवन का ढंग बदल सकतीं हैं,
कुछ बेरुखी,कुछ रुस्वाइयां
इंसान की सोच बदल सकतीं है,
थोड़ी सी सहनशक्ति,और कुछ मुस्कुराहटें|
The easiest way to find happiness is to quit complaining.

Saturday, October 23, 2010

सम्हालकर रखा है,आँखों में
हर  ख्वाब तुम्हारा,
आबाद रखा है,दिल का हर कोना
बसा है,जिसमें प्यार तुम्हारा,
उम्मीदे और तमन्नाएं खेलतीं हैं,
उन यादों से,जिनपर हक हैसिर्फ तुम्हारा,
आ जाओ उन अतीतके झरोखों से निक़ल,
जिनमें,वाबस्ता है,प्यार तुम्हारा|

Friday, October 22, 2010

Sometimes all a person needs is a hand to hold and a heart to understand.

Thursday, October 21, 2010


नित नए करतब देखता है  वो,
अपनी ही बनाई कठपुतलियों का,
किसी में भरा है,छल-कपट,
तो कोई है,नम्रता से भरा,
कोई,दूसरों की हर पल कर रहा मदद,
तो कोई किसी का जीना दूभर कर रहा,
हर प्राणी,है दूसरे से जुदा,
कोई प्रेम बाँट रहा,तो कोई नफरत से भरा,
कर रहा पुण्य कोई,लेकर हर पल प्रभु का नाम,
कोई,हर पल पाप कमा रहा,भूलकर ऊपरवाले का नाम|

Wednesday, October 20, 2010

We always like those who admire us,we do not always like those whom we admire.

Tuesday, October 19, 2010

काश हम परिंदे बन उड़ पाते,
दूर आसमानों में,
इस निर्मोही  दुनिया से दूर,
काश हम बादल बनकर,
आसमानों में छा पाते,
देने को राहत,झुलसी हुई धरती को,
काश,हम इन्द्रधनुष बन रंग बरसाते,
इस  धरती के हर कोने को रंगीन बनाते|
Never think that you already know all.However highly you are appraised,always have the courage to say to yourself I am ignorant.

Sunday, October 17, 2010

उसकी आँखों से छलकती हुई
ख़ुशी का कोई पारावार न था,
कैसे  कह दे,
उस ख़ुशी से हमारा कोई सरोकार न था,
कभी हमारी खुशियों की वजह वोह थे,
आज उनकी खुशियों की वजह हम हैं,
दूर होने का गम तो रहेगा सदा,
पर संतोष है इस बात का,
आखिर मिल ही गया,जो आपका था सदा|
Happy Birthday Dad!

Saturday, October 16, 2010

जब दर्द चुपके-चुपके आने लगता है,
रिश्तों में नज़र,कभी-कभी बिन बात के,
जैसे माइने ही बदलने लगते हैं,
कभी-कभी हर जज़्बात के,
क्यों हर सीधी बात का मतलब समझ आता नहीं,
जो कल तक अच्छा लगता था,आज भाता नही,
रंग-बिरंगे फूलों के रंग फीके लगतें हैं,सभी
चाँद-तारे भी दूर ही भले लगतें हैं,सभी
जब दर्द चुपके-चुपके......
Some people go for brains and some for beauty,but everyone appreciates a good sense of humor.

Friday, October 15, 2010

सड़क पर मरने को,
उम्रभर तड़पने को,
क्यों छोड़ दिया,उस नन्ही सी जान को,
क्या कोई ऐसी खता थी,
क्या कोई ऐसा था कुसूर,
जो काबिले-माफ़ी न था,
ऐ ऊपरवाले,उस के न थमनेवाले आंसू क्या कम थे,
या, उस बदकिस्मत की किस्मत में लिखे और भी गम थे|

Thursday, October 14, 2010

To laugh often and much,to win the respect of intelligent people and the affection of children....to leave the world a better place.....to know even one life has breathed easier because you have lived.This is to have succeeded.
मोतियों की तरह,बिखरें हैं
खुशियों के पल ,बेशुमार,
काश,हर कोई उन्हें सहेजकर,
रख पाता,उन्हें अपने दिल के पास,
हर शख्स खोकर अपना चैन,भाग रहा यहाँ
दुनिया की भीड़ में,जीना भूल चुके लोगों को,
काश कोई दिखाए,सही जीने का मार्ग यहाँ,
तो पल दो पल सुकून के वो भी जी पाएं यहाँ||

Wednesday, October 13, 2010

The size of the house has nothing to do with how happy it is inside.

Tuesday, October 12, 2010

क्यों छुप गए हो,
सुबह होते ही,रात के तारे की तरह,
अँधेरी सी हो गयी है,दुनिया 
जो रौशन थी,तुम्हारे जीवित होने से,
हर तरफ उजाला था,
प्रकाश ही प्रकाश था,तुम्हारे होने से|

Monday, October 11, 2010

For attractive lips-Speak words of Kindness,
For lovely eyes-Seek out the good in people,
For a slim figure-Share your food with the hungry,
For poise-Walk with the knowledge that you will,never walk alone.

Sunday, October 10, 2010

कोशिशें कर के देखे कोई हज़ार,इस दिल में 
बुझेगा न दिया तुम्हारे प्यार का कभी,
जीवन है अगर दो दिन की कहानी,तो क्या,
हमने भी तो कर दी तुम्हारेनाम अपनी जिंदगानी|
हसरतें कई,कई ख्वाब देखतीं हैं ये आंखें,
पर हर ख़ुशी,हर गम जुड़ा है आपसे,
समझ नहीं आता,आपसे क्या-क्या बांटे|
Clouds come floating into my life,no longer to carry rain,or usher storm,but to add color to my sunset day.

Friday, October 8, 2010

कोई सीमा नहीं होती,
किसी के लिए प्यार की,
कोई सीमा नहीं होती,
ममता के दुलार की,
कोई सीमा नहीं,
जोश और उत्साह की,
कोई सरहद नहीं बाँध सकती,
सरसराहट को हवाओं की,
पहाड़ों से आने वाले पानी की,और
मस्ती फिजाओं की|

Thursday, October 7, 2010

The greatest physician in his world is optimism.

Wednesday, October 6, 2010

Opportunities are never lost,someone will take the one you miss.

Tuesday, October 5, 2010

ONE WAVE TO ANOTHER

A little wave was bobbing along in the ocean , having a grand time.He was enjoying the wind and the fresh air , until he noticed the other waves in front of him , crashing against the shore , "My God , this is terrible . Is this what's going to happen to me!" the wave said.
Along came another wave . It saw the first wave , looking grim , and said : "Why do you look so sad?"
The first wave said , " You don't understand! We're all going to crash! All  of us are going to be nothing! Isn't this terrible ?" The second wave said , "No , You don't understand. You're not a wave , you're part of the ocean ."
न सूरज के उगने का पता,
न उसके अस्त होने का,
साँसे तो चल रही हैं,
दुनियावालों के लिए,
पर कहाँ है,एहसास जिन्दा होने का,
दिन-रात उठ रहें हैं,हाथ मांगने को दुआ,
जैसे इंतज़ार है,हर पल कोई चमत्कार होने का,
ऐ खुदा रहम कर,दूर कर दे 
ये अनजाना सा डर,उस जान से प्यारे को खोने का|

Monday, October 4, 2010

Life is like an shifting kaleidoscope-a slight change,and all the patterns alter.

Sunday, October 3, 2010

हैं तुमसे दूर,तो क्या हुआ
दिल तो तुम्हारे ही पास है,
हमारा,
हमेशा,ऐसा लगता है,कहीं 
से निकलकर आओगे,औरथाम लोगे हाथ
हमारा,
खुशबू की तरह,महकाकर जाती है,
हर याद तुम्हारी,और प्रफ्फुलित कर जाती है,
तन-मन हमारा,
क्योंकि,वो आप ही तो हैं,
जिसने हमारा जीवन है,संवारा|
All that you have got is a very small moment;this very moment.You always have only one moment in you hands;and it is so small and so fleeting that if you are thinking of the past and the future,you will miss it.And this is the only life and the only reality there is.

Saturday, October 2, 2010

उलझे-उलझे रहतें हैं,
कुछ रिश्ते,
कभी सुलझते नहीं,
तनहा-तनहा से रहते है,
कुछ लोग,
कभी घुलते-मिलते नहीं,
उदास-उदास रहतें है,
कुछ चेहरे,
मुस्कुराहटों से नाता जोड़ते नहीं,बस
प्यार ही प्यार,बांटते हैं कुछ लोग,
उस प्रभु,का स्मरण हरदम करतें हैं जो|

Do not struggle with irritation.Accept its presence.Do not resist it,otherwise it will become stronger and you are likely to suppress it.But be careful not to feed it.

Friday, October 1, 2010

मुश्किल में होते हैं,हम जब
तब क्यों याद आतें हैं,भगवान्
खुशियाँ अपनी खोतें हैं,हम जब
तब क्यों याद आतें  हैं,भगवान्
अंधेरों में बदल जातें,उजाले जब
तब क्यों याद आतें हैं,भगवान्
दुःख डाल लेते हैं,डेरा जब 
तब क्यों याद आतें हैं भगवान्|
One is never too old to try something new.
 
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