There is no way to peace,but peace is the way......
About Ritu Jain!
- Ritu Jain " Mystic Colors Of Life"
- New Delhi, India
- I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.
Wednesday, November 30, 2011
Sunday, November 27, 2011
Friday, November 25, 2011
Monday, November 21, 2011
Saturday, November 19, 2011
Friday, November 18, 2011
Wednesday, November 16, 2011
Tuesday, November 15, 2011
Saturday, November 12, 2011
एक दिन शारीर के अंगों मैं अपने अपने महत्व को लेकर बहस छिड गई| हाथों ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए शेखी मारी की यदि मैं काम करना छोड़ दूं तो पत्ता भी नहीं हिल सकता |
पैरों ने ज़मीन पर ठोकर मारते हुए दंभ दिखाया "मुझ पर ही तो सम्पूर्ण शारीर अवलंबित है| मेरे बिना वह मांस के लोथड़े के सिवा कुछ भी नहीं है | मुंह ,नाक , कान सबने बारी - बारी अपने महत्व को स्थापित किया |इन अंगों की बहस सुनकर शारीर के आंतरिक अंग दिल - दिमाग आदि भी सतर्क हो गये पर वे कुछ बोलते , उससे पहले ही पांव पर एक कीड़े ने डंक मार दिया | मस्तिष्क के आदेश पर हाथों ने आखों की सहायता लेकर कीड़े को तत्काल चुटकी से पकड़कर फैंक दिया |डंक की जलन को कम करने के लिए मुंह जब पीड़ित स्थान पर फूंक मारने लगा तभी अन्य अंग हरकत में आ गये और वे समझ गये की सहयोग , समन्वय और एकता से ही शरीर का अस्तित्व है|
Friday, November 11, 2011
Thursday, November 10, 2011
Tuesday, November 8, 2011
Monday, November 7, 2011
ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमा कहते है.
संसार में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते है
माँ के प्यार न है कोई जवाब
न ही उसकी कोई कीमत न ही है हिसाब
माँ की वह गोद है जहाँ मानवता पाले
अगर जन्नत है कही तो माँ के आँचल तले
जब भगवान सब जगह उपस्थित न हो पाए
तब उन्होंने माँ बनाई
माँ वो ठंडी छाव है जो बच्चो को संसार के
दुःख रूपी धूप से बचाती है
हम सब अपनी माँ को बहुत प्यार करते है
और यही दुआ करते है की इश्वर सबके सर
पर माँ का साया बनाये रखे |
संसार में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते है
माँ के प्यार न है कोई जवाब
न ही उसकी कोई कीमत न ही है हिसाब
माँ की वह गोद है जहाँ मानवता पाले
अगर जन्नत है कही तो माँ के आँचल तले
जब भगवान सब जगह उपस्थित न हो पाए
तब उन्होंने माँ बनाई
माँ वो ठंडी छाव है जो बच्चो को संसार के
दुःख रूपी धूप से बचाती है
हम सब अपनी माँ को बहुत प्यार करते है
और यही दुआ करते है की इश्वर सबके सर
पर माँ का साया बनाये रखे |
Friday, November 4, 2011
Thursday, November 3, 2011
Tuesday, November 1, 2011
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