न जाने कहाँ,चला गया वो,
तनहा है,कितना वो,
शायद वो खुद नहीं जानता,
एक माँ का सहारा था,
वो भी नहीं रहा अब,
पहले से ज्यादा मुश्किलों में है,वो अब
काश कोई ले आए ,उसे ढूँढकर कहीं से
और,लिखदे विधाता उसकी तकदीर फिर से|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
1 comment:
Me parece muy interesante este blog ya que hay escritos muy maravillosos.
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